भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शुक्रवार तक कुल पॉजिटिव केसेज की संख्या 21 पार कर गई है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 3 मई तक लॉक डाउन का ऐलान किया गया है। केंद्र और राज्य सरकारें तमाम तरह के एहतियात बरत रही हैं। लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है। दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि इससे भी कोरोना वायरस फैलने का खतरा है।
थूकने से वायरस का क्या कनेक्शन? : पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित डेंटिस्ट डॉ. अनिल कोहली ने Jansatta.Com से खास बातचीत में बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का मुख्य स्रोत (ट्रांसमीटर) सलाइवा है। ऐसे में यदि कोई कोरोना पॉजिटिव है और सार्वजनिक स्थान पर थूकता है तो सलाइवा में मौजूद वायरस के दूसरे शख्स में ट्रांसमिट होने का खतरा है। इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर पूरी तरह रोक जरूरी है।
जरूरी ना हो तो डेंटल ट्रीटमेंट से बचें: डॉ. कोहली कहते हैं कि इस वक्त अगर किसी तरह की डेंटल इमरजेंसी जैसे दांत में दर्द, सूजन या फ्रैक्चर आदि ना हो तो रूटीन चेकअप आदि के लिए डेंटल क्लीनिक जाने से परहेज करें। वे कहते हैं कि लोगों में यह भी एक मिथ है कि दांतों की सफाई (स्केलिंग) से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी, जबकि ऐसा नहीं है। इस वक्त स्केलिंग से परहेज करना चाहिए।
डेंटिस्ट के पास जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान: डॉ. अनिल कोहली कहते हैं कि लॉक डाउन खत्म होने के बाद कोरोना वायरस का खतरा खत्म नहीं हो जाएगा, इसलिए लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। दांतों से जुड़ी किसी समस्या के लिए अपने डॉक्टर से फोन पर सलाह लें। सीधे डेंटल क्लीनिक में जाने से बचें। रूटीन चीजों के लिए तो क्लीनिक बिल्कुल न जाएं।
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