भारतीय खाने की थाली अचार के बिना अधूरी मानी जाती है। चाहे दाल-चावल हों या पराठे, एक छोटा-सा अचार स्वाद को दोगुना कर देता है। आम, नींबू, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक जैसे कई फलों और सब्जियों से बनने वाला अचार नमक, तेल और मसालों से तैयार किया जाता है। हालांकि, समय के साथ अचार को लेकर कई तरह की गलतफहमियां भी फैल गई हैं। कुछ लोग इसे दिल के लिए हानिकारक मानते हैं तो कुछ कहते हैं कि अचार हाई ब्लड प्रेशर की वजह बन सकता है। ऐसे में न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ऋजुता दिवेकर ने अचार से जुड़े मिथक और सच्चाई लोगों के सामने रखी है। आइए जानते हैं…
अचार को लेकर लोगों की आम धारणा
आज के समय में जब लोग हेल्दी डाइट पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं, तब अचार को अक्सर अनहेल्दी की श्रेणी में डाल दिया जाता है। वजह है इसमें इस्तेमाल होने वाला नमक और तेल। लेकिन क्या वाकई अचार सेहत के लिए इतना नुकसानदायक है? ऋजुता दिवेकर का मानना है कि अगर अचार घर पर पारंपरिक तरीके से बनाया जाए, तो यह शरीर के लिए फायदेमंद भी हो सकता है।
अचार नमक और तेल से भरा होता है
यह सच है कि अचार में नमक और तेल की मात्रा होती है, लेकिन यही इसकी पहचान भी है। ऋजुता दिवेकर बताती हैं कि घर का बना अचार आंत के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया देता है। ये बैक्टीरिया पाचन को बेहतर बनाते हैं और इम्युनिटी को मजबूत करते हैं। समस्या तब होती है जब बाजार में मिलने वाला प्रोसेस्ड अचार ज्यादा मात्रा में खाया जाता है।
क्या अचार का नमक हाई ब्लड प्रेशर बढ़ाता है?
अक्सर कहा जाता है कि ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह बात प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड के लिए सही है, लेकिन घर के बने अचार में इस्तेमाल होने वाला सेंधा नमक या काला नमक उतना नुकसानदायक नहीं होता। ऋजुता दिवेकर के अनुसार, अगर व्यक्ति नियमित व्यायाम करता है, अच्छी नींद लेता है और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाए रखता है, तो थोड़ी मात्रा में अचार खाने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है।
क्या अचार दिल के लिए खराब है?
अचार में डलने वाले तेल को लेकर भी लोगों के मन में डर बना रहता है। दिवेकर का कहना है कि अचार बनाने के लिए कच्ची घानी सरसों, मूंगफली, तिल या गिंगली तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। ये तेल पारंपरिक हैं और सीमित मात्रा में सेवन करने पर दिल की सेहत पर बुरा असर नहीं डालते। असल समस्या जरूरत से ज्यादा खाने से होती है, न कि अचार से।
क्या अचार पूरी तरह अस्वस्थ होता है?
ऋजुता दिवेकर बताती हैं कि अचार खनिज, विटामिन और अच्छे बैक्टीरिया का भंडार होता है। रोजाना एक से दो चम्मच घर का बना अचार खाने से ब्लोटिंग कम हो सकती है, विटामिन बी12 और डी की कमी में मदद मिल सकती है और एनीमिया जैसी समस्याओं में भी फायदा होता है। यहां तक कि IBS यानी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह सहायक हो सकता है।
सही मात्रा और सही तरीका है जरूरी
अचार को सेहतमंद बनाने के लिए दो बातें सबसे जरूरी हैं… पहली, अचार घर का बना हो और दूसरी, उसकी मात्रा सीमित हो। जरूरत से ज्यादा अचार खाना नुकसानदेह साबित हो सकता है। लेकिन सही मात्रा में पारंपरिक तरीके से बना अचार डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
ऋजुता दिवेकर के मुताबिक, घर का बना अचार सही तेल, सही नमक और सीमित मात्रा में खाया जाए तो यह सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
