प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत के साथ खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान महिलाओं को अपने साथ-साथ होने वाले की बच्चे की सेहत का भी ध्यान रखना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के मन में कई सवाल भी आते हैं, जिसमें सबसे पहला सवाल होता है कि प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए? प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता क्या नुकसान करता है? क्या प्रेग्नेंसी में कच्चा पपीता खाने से मिसकैरेज यानी गर्भपात हो सकता है? चलिए आपको बताते हैं इस संबंध में ईएसआई, अस्पताल दिल्ली, गाइनेकोलॉजिस्ट, डॉ. संघमित्रा का क्या कहना है?

डॉ. संघमित्रा ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी हेल्थ का बहुत ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि इस दौरान महिलाएं जो भी खाना खाती हैं उससे न सिर्फ उनकी हेल्थ पर असर पड़ता है, बल्कि होने वाले बच्चे पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा पपीता खाने से 3 महीने में ही मिसकैरेज हो सकता है और बाद में जल्दी लेबर स्टार्ट हो सकता है, क्योंकि पपीते में लेटेक्स होता है जो महिला के यूट्रस में संकुचन कर सकता है। इससे प्रेगनेंसी में परेशानी होने का रिस्क रहता है। इसके अलावा कच्चा पपीता पेट में पल रहे बच्चे की हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं होता है।

पपीता खाने से मिसकैरेज का खतरा क्यों?

  • पेपेन- यह गर्भाशय में संकुचन (uterine contractions) को उत्तेजित कर सकता है, जिससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है।
  • लैटेक्स- यह हार्मोन प्रोस्टाग्लैंडिन को उत्तेजित करता है, जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है।

कच्चे पपीते में पेपेन नामक एंजाइम और लैटेक्स की हाई मात्रा होती है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के साथ-साथ होने वाले बच्चे के लिए भी हानिकारक होते हैं। पपीता गर्भाशय की मांसपेशियों को असामान्य रूप से उत्तेजित कर सकता है, जिससे असमय यानी प्रीमेच्योर डिलीवरी या गर्भपात हो सकता है। इसके अलावा कच्चे पपीते में मौजूद तत्व शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे गर्भावस्था के हार्मोनों को प्रभावित कर सकते हैं। जिसका असर महिला और बच्चे दोनों पर पड़ता है।

प्रेग्नेंसी में कच्चे पपीते के नुकसान

  • पाचन की समस्या
  • एलर्जी हो सकती है
  • प्रीमेच्योर लेबर

पाचन की समस्या

प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा पपीता खाने से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है, क्योंकि कच्चे पपीते में लेटेक्स होते हैं जो गैस, अपच या पेट में ऐंठन की समस्या पैदा कर सकते हैं।

एलर्जी का खतरा

प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चे पपीते का सेवन स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ महिलाओं को लेटेक्स या पपीते में मौजूद अन्य तत्वों से एलर्जी होने की संभावना रहती है।

प्रीमेच्योर लेबर

प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चे पपीते से बचना चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है और मिसकैरेज का खतरा बढ़ा सकता है। इससे गर्भाशय पर अनचाहा दबाव पड़ सकता है और समय से पहले प्रसव यानी प्रीमेच्योर लेबर हो सकता है।

क्या पका पपीता फायदेमंद हो सकता है?

डॉ. संघमित्रा ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए पका हुआ पपीता फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे एक सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। इसमें फाइबर, विटामिन बी, सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो कब्ज और पाचन में मदद करते हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिला को मॉर्निंग सिकनेस से भी राहत दिलाएगा।

इसके अलावा स्लीप डिसऑर्डर एक ऐसी समस्या है जो तेजी से लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। नींद की कमी के चलते दिल से लेकर दिमाग की हेल्थ पर असर पड़ता है।