Diabetes Control Tips: कुछ लोग स्वास्थ्य कारणों की वजह से डाइट में चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करते हैं। केक, खीर से लेकर कॉफी तक में मिठास के लिए शहद डाली जाती है। लेकिन अक्सर डायबिटीज रोगियों और उनके परिजनों का ये सवाल होता है कि क्या मरीजों को शहद दिया जा सकता है। आपको बता दें कि मधुमेह रोगियों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना पड़ता है ताकि उनके रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रह सके। ऐसे में जानिये कि शहद का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए सुरक्षित है या नहीं –

मीठा सीमित मात्रा में नहीं होता है खतरनाक: हेल्थलाइन में छपी खबर के मुताबिक डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वो अपने आहार में कम मात्रा में कार्ब्स और चीनी को शामिल करना चाहिए। हालांकि, इसका ये मतलब कतई नहीं है कि मरीजों को पूरी तरह से मीठे से किनारा करना है। ऐसे में सीमित मात्रा में शहद न केवल रोगियों के लिए सुरक्षित है, बल्कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं जो मधुमेह से जुड़ी जटिलताओं को कम करने में सहायक होते हैं।

डायबिटीज रोगियों के लिए शहद: शहद में सुक्रोज, पानी और दूसरे तत्व होते हैं जिसमें 80 फीसदी कार्बोहाइड्रेट और 20 प्रतिशत पानी होता है। ये नेचुरल स्वीटनर कार्ब्स और कैलोरीज से भरपूर होता है, लेकिन इसमें आयरन, विटामिन-सी, फोलेट, मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम पाया जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत शहद का सीमित मात्रा में सेवन लाभकारी होगा।

कैसे करता है ब्लड शुगर को प्रभावित: यदि सफेद चीनी से तुलना की जाए तो शहद का असर ब्लड शुगर लेवल पर कम होता है। एक रिसर्च में खुलासा हुआ कि शहद के सेवन से डायबिटीज रोगियों के रक्त शर्करा का स्तर आधे घंटे के बाद कुछ मात्रा में बढ़ सकता है। हालांकि, थोड़े समय बाद ब्लड शुगर लेवल 2 घंटे के लिए कम हो जाता है। वहीं, शोधकर्ताओं के मुताबिक शहद इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।

कितना खाना होगा फायदेमंद: एक्सपर्ट्स के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को 5 से 25 ग्राम के बीच शहद का सेवन करना चाहिए। साथ ही, उनके मुताबिक अगर मरीजों का शुगर लेवल पूरी तरह नियंत्रित है तो वो शुद्ध, ऑर्गैनिक या फिर रॉ नेचुरल हनी का सेवन कर सकते हैं।