Diabetes Risk: डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि ब्लड ग्लूकोज का स्तर कंट्रोल में रहेगा। यही कारण है कि मधुमेह रोगियों को खाने-पीने से जुड़ी कई पाबंदियां झेलनी पड़ती हैं। कई लोगों के दिन की शुरुआत कॉफी के साथ ही होती है। शरीर को अलर्ट और एनर्जी से भरने के लिए कैफीन का सेवन फायदेमंद हो सकता है। लेकिन क्या डायबिटीज रोगी कॉफी का सेवन कर सकते हैं? आइए जानते हैं विस्तार से –

होते हैं कुछ फायदे: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार मधुमेह रोगियों के शरीर पर कॉफी पॉजिटिव और नेगेटिव असर डालता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि कॉफी पीने से डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शुगर लेवल को कंट्रोल में करने में मदद करते हैं। लेकिन कॉफी का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

फूड्स ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन की गाइडलाइंस के अनुसार डायबिटीज रोगियों को प्राकृतिक रूप से शुगर लेवल पर नियंत्रण रखने के लिए मॉडरेट लेवल में कॉफी पीयें। कुछ अध्ययनों में ऐसा भी माना जाता है कि कैफीन के सेवन से इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है।

क्या हो सकता है नुकसान: स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि कॉफी में मौजूद कैफीन इंसुलिन के प्रोडक्शन को कम कर देता है, इससे डायबिटीज टाइप 1 और 2 का खतरा बढ़ता है। यही वजह है कि जिन लोगों का ब्लड शुगर अनियंत्रित होता है उन्हें इसे पीने से बचना चाहिए। वहीं, कॉफी ज्यादा पीने से डायबिटीज रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचें: एक जर्नल में छपी खबर के अनुसार खाली पेट कॉफी पीने से ब्लड शुगर के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल डायबिटीज बल्कि हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता है। शोध में 29 स्वस्थ पुरुष व महिलाओं को शामिल किया गया जिन्हें तीन समूहों में बांटा गया।

पहले ग्रुप के लोगों ने पर्याप्त नींद लेने के बाद उठने पर एक मीठा पेय पीया। वहीं, दूसरे समूह की नींद बाधित थी जिसके बाद सुबह उठने पर उन्होंने भी वही ड्रिंक पीया। वहीं, तीसरे समूह को भी खराब नींद के बाद सुबह स्ट्रॉन्ग कॉफी पीने को दी गई। तीसरे समूह का नाश्ते के समय ब्लड शुगर लेवल तकरीबन 50 प्रतिशत ज्यादा हो गया।