राजमा जिसे किडनी बींस कहते हैं इसे ज्यादातर लोग पसंद करते हैं। राजमा का फूड कॉम्बिनेशन चावल के साथ करना लोगों को बेहद पसंद आता है। पोषक तत्वों से भरपूर राजमा, प्रोटीन,आयरन और कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है। राजमा का सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है और कई बीमारियों का उपचार होता है। राजमा में कैलोरी की मात्रा संतुलित होती है इसलिए इसका सेवन हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजेर के मुताबिक राजमा में सबसे ज्यादा आयरन, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, फॉस्फोरस, फाइबर, सोडियम, कॉपर, फोलेट, कैल्शियम आदि होता है। फाइबर से भरपूर राजमा का सेवन पाचन को दुरुस्त करता है और कब्ज से निजात दिलाता है। इसमें फाइबर ज्यादा होता है और फैट बेहद कम होता है जिससे वजन कम रहता है।

इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है। दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए राजमा बेहद फायदेमंद है। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है और कैंसर जैसी बीमारी का उपचार होता है। कुछ बीमारियों में राजमा का सेवन ज़हर की तरह असर करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि किन बीमारियों में राजमा का सेवन सेहत पर ज़हर की तरह असर करता है।

गैस की परेशानी को बढ़ाता है:

जिन लोगों का पाचन खराब रहता है और गैस एसिडिटी की परेशानी रहती है वो राजमा का सेवन नहीं करें। अगर आपको गैस की परेशानी है तो आप राजमा को रात में भिगे दें और सुबह अच्छे से वॉश करके उबालकर उसका सेवन करें। अगर आपको पहले से ही ब्लोटिंग की परेशानी है, पेट में गैस कब्ज, अपच की समस्या होती है तो राजमा का सेवन करने से परहेज करें।

किडनी की परेशानी में राजमा से परहेज करें:

किडनी की बीमारी में अगर राजमा का सेवन किया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है। अगर आपको किडनी में इन्फेक्शन या पथरी की परेशानी है तो आप राजमा का सेवन भूलकर भी नहीं करें। इसका सेवन करने से किडनी में सूजन हो सकती है।

यूरिक एसिड हाई रहता है और गठिया की बीमारी है तो राजमा से बचें:

अगर आपका यूरिक एसिड हाई रहता है और गठिया की बीमारी है तो प्यूरीन से भरपूर राजमा से परहेज करें। राजमा में मौजूद प्यूरीन जोड़ों में दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है। इसका सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर हाई रहता है।