कोलेस्ट्रॉल एक फैटी सब्सटेंस है जो शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक LDL कोलेस्ट्रॉल जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, दूसरा HDL कोलेस्ट्रॉल होता है जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। बॉडी के लिए खराब कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना और गुड कोलेस्ट्रॉल का कम होना दिल के रोगों का कारण बनता है। जिन लोगों की बॉडी में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है उन्हें दिल के रोग और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। जबकि हाई कोलेस्ट्रॉल उम्रदराज लोगों की बीमारी मानी जाती है लेकिन खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से ये बीमारी 20 से 30 साल के युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है।
बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर हाई होने से उसके लक्षण बॉडी में दिखने लगते हैं जैसे हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्न होना, सीने में दर्द होना, सांस फूलना, आंखों के आसपास पीले धब्बे होना, सिरदर्द और चक्कर आना, पाचन संबंधी समस्याएं, टांगों या पैरों में दर्द और ब्लड प्रेशर बढ़ने जैसे लक्षण दिखते हैं। अगर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल नहीं किया जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा, ब्लड सर्कुलेशन में बाधा होना, लिवर से जुड़ी समस्याएं और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है।
अपोलो अस्पताल दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ चटर्जी ने बताया हाई कोलेस्ट्ऱॉल के बॉडी में कुछ संकेत दिखते हैं जिसे समय पर पहचान लिया जाए तो बीमारियों से बचा जा सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर मस्तिष्क में ब्लड की सप्लाई कम होने लगती है जिससे थकान हो सकती है। लम्बे समय तक थकान महसूस कर रहे है तो तुरंत कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं और कुछ खास टिप्स की मदद से इसे कंट्रोल करें।
युवाओं में 20-30 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण
युवाओं में 20-30 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण डाइट में प्रोसेस और प्रसंस्कृत फूड का ज्यादा सेवन करना है। फैट और चीनी से भरपूर फूड्स का सेवन अधिकांश युवा वर्कप्लेस पर करते हैं जिससे उनकी बॉडी में ये गंदी चर्बी नसों में जमा होने लगती है। गतिहीन जीवनशैली वजन बढ़ाने और हाई कोलेस्ट्रॉल में योगदान करती है। कुछ लोगों की कोलेस्ट्ऱॉल और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री होती है ऐसे लोगों को ये बिमारी विरासत में मिलती है। युवाओं में धूम्रपान और शराब जैसी आदतें इस बीमारी का जोखिम बढ़ाती हैं। इसके अलावा कुछ बीमारियां जैसे थायरॉयड, मधुमेह और लिवर से जुड़ी बीमारी भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
युवा 20-30 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल को इस तरह करें कंट्रोल
- कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए हार्ट हेल्दी डाइट का सेवन करें। डाइट में घुलनशील फाइबर से भरपूर फूड जैसे जई, दाल और फलों का सेवन करें। ये फूड चिपचिपे और प्लाक-निर्माण वाले LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
- हेल्दी फैट का सेवन करें। हेल्दी फैट में आप एवोकाडो, नट्स और जैतून के तेल का सेवन करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करें। इसमें आप सैल्मन और अलसी के बीज, फिश का सेवन करें। ये सभी फूड दिल की सेहत को दुरुस्त करते हैं।
- प्रोसेस फूडस का सेवन करने से परहेज करें। डाइट में ट्रांस फैट,शुगर वाले ड्रिंक और फास्ट फूड का सेवन कम करें।
- नियमित एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करने से LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। सप्ताह में पांच बार 30 मिनट की मीडियम एक्सरसाइज से शुरुआत करके तेज एक्सरसाइज करें। हेल्दी मेटाबॉलिज्म बनाए रखने के लिए सप्ताह में दो बार स्ट्रेंथ-ट्रेनिं करें। योग और स्ट्रेचिंग जैसी गतिविधियां दिल को हेल्दी रखेंगी और दिल के रोगों से बचाव करेंगी।
- वजन को कंट्रोल करें। मोटापा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण बनता है। शरीर के वजन का 5% तक भी कम करने से LDL कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।
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