What Happens If You Give Up Maida: हम अपनी डेली डाइट में ब्रेड, बिस्कुट, पैस्ट्रीज, केक आदि हर दिन खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सब चीजें किस चीज से बनी हैं? इन सबको मैदा से बनाया जाता है। मैदा अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड है। डॉक्टरों के मुताबिक अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से कोई फायदा नहीं होता,उल्टा इससे कई तरह के नुकसान होते हैं। लेकिन हम लोगों के जीवन में नित रोज किसी न किसी तरह से मैदा शामिल ही रहता है। मैदा से इतने तरह के नुकसान हैं जिसके बारे में कभी आपने सोचा भी नहीं होगा।

मैदा को गेंहू से बनाया जाता है, यहां तक तो ठीक है लेकिन इसके बाद के प्रोसेस जान आप दंग रह जाएंगे।
मैदा बनाने के लिए सबसे पहले गेंहू से छिलका को उतार लिया जाता है। गेंहू में छिलका ही सबसे बेशकीमती चीज है। इसे हटा लेने से फाइबर खत्म हो जाता है।

फाइबर के बिना कोई भी चीज बेजान हो जाती है। यानी इसमें से फाइबर के अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स भी गायब हो जाता है। अब इसे सफेद बनाने के लिए इसमें केमिकल मिलाया जाता है। इसके बाद इसे प्रोसेस करके बहुत बारीक बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में गेंहू की नेचुरल संरचना विलीन हो जाती है और सभी तरह के पोषक तत्व निकल जाते हैं। इसका सेवन करने से मोटापा, डायबिटीज और कई तरह की क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यदि आप एक या दो महीने तक मैदा का सेवन नहीं करेंगे तो शरीर में कई तरह के फायदे देखेंगे। आइए जानते हैं मैदा नहीं खाने के सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।

मैदा छोड़ने के फायदे

डायबिटीज कंट्रोल रहेगी

  1. अगर आप मैदा नहीं खाएंगे तो सबसे पहला प्रभाव डायबिटीज पर पड़ेगा। न्यूट्रिशनिस्ट नुपूर पाटिल बताती हैं कि मैदा से बनी चीजों को छोड़ देने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगा। मैदा या रिफाइंड आटा पेट में जाकर तेजी से ग्लूकोज में बदल जाता है जो शुगर को बढ़ा देता है। मैदा छोड़ने पर ब्लड शुगर और इंसुलिन रेजिस्टेंस कम हो जाता है।

मजबूत पाचन तंत्र

  1. नुपूर पाटिल ने बताया कि जब आप मैदा से बनी चीजों को नहीं खाएंगे तो पाचन तंत्र मजबूत हो जाएगा, क्योंकि मैदा खाने से पेट की लाइनिंग में दिक्कत होने लगती है। इससे पेट संबंधी कई तरह की परेशानियां होना स्वभाविक है। मैदा की जगह साबुत गेंहू, बादाम का आटा, नारियल का आटा या मोटे अनाज के आटे से बनी रोटियों का सेवन करें।

वजन पर लगाम

मैदा या रिफाइंड फ्लोर में कैलोरी बहुत होती है, इसलिए मैदा बहुत तेजी से वजन बढ़ाने लगता है। मैदा को छोड़ देने से वजन हमेशा नियंत्रित रहता है। अगर आप मैदा की जगह मिलेट या मोटे अनाज का सेवन करेंगे तो इसमें फाइबर की उच्च मात्रा देर तक भूख नहीं लगने देगी, जिससे वजन कंट्रोल रहेगा। हालांकि वजन घटाने के लिए कई चीजों की एक साथ जरूरत होती है।

क्रोनिक बीमारियों पर लगेगी लगाम

रिफाइंड फ्लोर या मैदा सबसे पहले शरीर में इंफ्लामेशन यानी कोशिकाओं में सूजन को बढ़ाता है। इंफ्लामेशन यानी सेल्स में जब सूजन होती है तो फ्री रेडिकल्स बढ़ता और इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी बढ़ जाता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज सहित कई क्रोनिक बीमारियां होती है। यानी यदि आप मैदा से बनी चीजों का सेवन करना छोड़ देंगे, तो इन बीमारियां का खतरा कम हो जाएगा।