अपना मल दान कीजिए और 1.5 करोड़ रुपये पाइए! ये ऑफर हर इंसान को सस्ता लगेगा, जिसपर ऐतबार करना थोड़ा मुश्किल भी लगता है। जी हां, अमेरिका में स्थित एक कंपनी लोगों से मल का सौदा करने के लिए प्रचार कर रही है। एक अजीबो-गरीब प्रचार जिसे सुनकर ज्यादातर लोग अपना माथा पकड़ लेंगे। अमेरिकन कंपनी ह्यूमन माइक्रोब्स की एक मिडिल एज महिला ने उन लोगों को अपना मल दान करने के लिए आमंत्रित किया है जो युवा है, खिलाड़ी है और जिनकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त है। ऐसे लोग अपना मल दान करें और उसके बदले में 1.5 करोड़ रुपये हासिल कर लें। अब सवाल ये उठता है कि आखिर मल क्यों खरीदा जा रहा है। आइए जानते हैं कि इस कंपनी के प्रचार का क्या मकसद है जो पैसों से मल खरीदने के लिए इतना जतन कर रही है।

कंपनी पैसों से मल क्यों खरीद रही है?

2020 में स्थापित ये कंपनी खुद का प्रचार स्टूल डोनर नेटवर्क के रूप में कर रही है। ये कंपनी संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा पर केंद्रित है। ये कंपनी अपनी वेबसाइट पर दुनिया भर के लोगों से स्टूल डोनेट करने के लिए प्रचार कर रही है। इस कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है ‘वी वांट योर पूप’। इस वीडियो में महिला कहती हुई दिख रही है कि हमें आपका मल पैसों से चाहिए दान करेंगे क्या। महिला कहती है कि मैं humanmicrobes.org के साथ हूं और आपका मल किसी की जिंदगी को बदल सकता है।


माइक्रोबायोम क्या हैं और ये किस काम आते हैं? 

हाल के शोध से पता चला है कि माइक्रोबायोम (microbiome) वो सूक्ष्म जीव हैं जो हमारी आंत में रहते हैं, हमें भोजन पचाने में मदद करते हैं और हमारी ओवर ऑल हेल्थ में सुधार करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ये सूक्ष्म जीव हमारे आंत माइक्रोबायोम को मॉडिफाई और पुनर्स्थापित करते हैं, जो कई बीमारियों के इलाज के लिए एक प्रमुख जांच का माध्यम बन गया है।

मल कैसे पेट की बीमारियों का करता है इलाज

हमारे मल का आधा द्रव्यमान रोगाणुओं का होता है। फेकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लांट या संक्षेप में FMT नामक एक प्रक्रिया में इन रोगाणुओं को एक हेल्दी डोनर से एक बीमार व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। ये कंपनी FMT के जरिए मोटापा, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम और मानसिक बीमारियों का उपचार नए तरीके से करने की पेशकश करती है। कंपनी ने प्रचार में एक ऐसे इंसान की कहानी भी बताई है जिसका FMT के जरिए बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) का सफलता पूर्ण इलाज किया गया है। कंपनी ने वेबसाइट में उल्लेख किया है कि स्टूल मांगने का उनका मकसद स्वस्थ, शांत, रोग प्रतिरोधी माइक्रोबायोम वाले 0.1% से भी कम लोगों को खोजना है। कंपनी एक स्टूल सैंपल के लिए प्रति वर्ष 1.5 करोड़ तक की पेशकश कर रही है।

FMT क्या है और ये कैसे काम करता है?

Fecal Microbiota Transplant(FMT)फेकल माइक्रोबायोटा प्रत्यारोपण कोलोनोस्कोपी के दौरान होता है। ये एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें डॉक्टर एक लंबी, लचीली ट्यूब और कैमरा को अंत में रोशनी डालकर कोलन की जांच करते हैं। इसमें मल का नमूना ट्यूब या कोलोनोस्कोपी में रखा जाता है और उपकरण की नोक को एनस में डाला जाता है।

FMT कैसे मानसिक रोगों का इलाज करता है?

स्पर्श हॉस्पिटल, आरआर नगर, बेंगलुरु में मेडिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट,सलाहकार एंडोस्कोपिस्ट डॉ. श्रीहरि देशमुख ने बताया कि फेकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लांट (FMT) से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में काफी मदद मिली है। इसके जरिए bipolar disorder सहित कई मानसिक स्थितियों का उपचार किया जा सकता है। आंत में रहने वाले खरबों सूक्ष्मजीव इस कॉम्पलेक्स डिसऑर्डर का इलाज करने के लिए नए रास्ते खोज रहे हैं।