यदि किसी व्यक्ति को पता चलता है कि वह मधुमेह से पीड़ित है, सबसे पहले उसे उसके मन पसंद चीजों से दूरी बनाने के लिए कहा जाता है, खासकर मीठे खाद्य पदार्थों से मधुमेह रोगियों को दूरी बनानी पड़ती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक गलत खान-पान और अनियंत्रित जीवनशैली भी डायबिटीज के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। कम उम्र में भी लाखों लोग मधुमेह से पीड़ित हैं।

मधुमेह का अभी तक कोई विशेष इलाज नहीं खोजा जा सका है। इसलिए, डॉक्टर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए स्वस्थ आहार और जीवन शैली का पालन करने की सलाह देते हैं। हालांकि आपकी रसोई में कई जड़ी-बूटियां हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में अद्भुत काम कर सकती हैं। आइए जानें कि मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दैनिक आहार में किन जड़ी-बूटियों को शामिल करना चाहिए –

  1. मेथी: मेथी के कड़वे स्वाद के कारण यह मोटापा और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। मेथी का खाली पेट सेवन करने से बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। मेथी ग्लूकोज टॉलरेंस में सुधार कर सकता है और साथ ही एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकता है।
  2. दालचीनी: डायबिटीज के मरीजों के लिए दालचीनी बहुत कारगर है। यह भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। इसके अलावा, दालचीनी शरीर की अतिरिक्त चर्बी को पिघलाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में कारगर है।
  3. अदरक: अदरक में एंटी-डायबिटिक, हाइपोलिपिडेमिक और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं। साथ ही अदरक मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और फास्टिंग शुगर के स्तर को कम करता है। अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें। चूंकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इस जड़ी बूटी का सेवन कम मात्रा में करें।
  4. कालीमिर्च: काली मिर्च ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काफी कारगर होती है। काली मिर्च में ‘पाइपरीन’ नामक पदार्थ होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
  5. जिनसेंग: मूल रूप से चीन, नेपाल, कनाडा और पूर्वी अमरीका में पाए जाने वाले पौधे की जड़ है, जो कि मधुमेह का दुश्मन है। यह अग्न्याशय में इंसुलिन के उत्पादन को उत्तेजित कर शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल सही रहता है।
  6. गिलोय: इस पौधे की पत्तियां रक्त शर्करा के स्तर और मधुमेह के अन्य लक्षणों को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी हैं। यह जड़ी बूटी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करती है।