रात की सुकून की नींद आपकी बॉडी को अगले दिन के लिए तैयार करती है। आमतौर पर रात की 8 घंटे की नींद को आइडियल स्लीप माना जाता है। लेकिन जिंदगी की मसरूफियत,वक्त की कमी,गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल,खराब लाइफस्टाइल ने हमारी सोने की आदतों को ही बदल दिया है। हम आधी रात को सोते हैं और तड़के सुबह अपने ऑफिस जाने के लिए निकल जाते हैं, ऐसे में हम मुश्किल से ही 6 घंटों के आस-पास सोते हैं। वैज्ञानिक शोधों और नींद विशेषज्ञों की राय के अनुसार, नींद की आदर्श अवधि उम्र के मुताबिक बदलती रहती है। युवाओं के लिए 7-8 घंटे की नींद को पर्याप्त माना जाता है। रात की नींद के केवल घंटे गिनना काफी नहीं, बल्कि नींद की गहराई और निरंतरता भी ज़रूरी है। अगर कोई व्यक्ति 8 घंटे सोता है लेकिन बार-बार नींद टूटती है, तो वह नींद पूरी नहीं मानी जाएगी।
पर्याप्त नींद लेना उतना ही जरूरी है जितना कि पौष्टिक भोजन खाना या नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक रात की सुकून की नींद इम्यूनिटी को मजबूत करती है, याददाश्त को बेहतर बनाती है। रात की पर्याप्त नींद आलस्य, डिप्रेशन और हार्ट डिजीज का खतरा टालती है।
हाल ही में एक रिसर्च की गई है जिसमें नींद लेने के घंटों पर चर्चा की गई है। ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (University of British Columbia) के शोधकर्ताओं ने दुनिया भर की संस्थाओं के साथ मिलकर 20 देशों के लगभग 5,000 लोगों की नींद से जुड़े पैटर्न का अध्ययन किया। उनका निष्कर्ष यह रहा कि आदर्श नींद की मात्रा संस्कृतियों के अनुसार काफी भिन्न हो सकती है और नींद के घंटे से ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आपकी नींद आपके देश की सामान्य नींद की आदतों से कितनी मेल खाती है।
विदेशों में हेल्दी नींद पैटर्न क्या है?
अगर स्लीपिंग पैटर्न की बात करें तो जापान में औसतन लोगों की नींद की अवधि सिर्फ 6 घंटे 18 मिनट है, जबकि फ्रांस में लोग लगभग 8 घंटे तक सोते हैं। कनाडा का औसत इसके बीच में आता है, जहां लोग करीब 7 घंटे 27 मिनट की नींद लेते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि शोधकर्ताओं को कम नींद और खराब हेल्थ के बीच कोई कनेक्शन नहीं मिला। इससे यह संकेत मिलता है कि किसी देश में हेल्दी नींद क्या मानी जाती है, इसमें सांस्कृतिक अपेक्षाएं (cultural expectations) अहम भूमिका निभाती हैं।
डॉक्टर ने बताया कितनी देर सोना है जरूरी?
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में सोशल और कल्चर साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. स्टीवन हाइन ने बताया हम लम्बे समय से ये कहते आ रहे हैं कि रात की 8 घंटे की नींद सेहत के लिए जरूरी है। लेकिन आपको बता दें कि रात में 8 घंटे की नींद लेने की सलाह हर किसी के लिए ठीक नहीं है। नींद के लिए कोई एक तय सही समय नहीं है जो सभी पर लागू हो।
यह अध्ययन Proceedings of the National Academy of Sciences में प्रकाशित हुआ है। इसमें पाया गया कि जो लोग अपनी देश की औसत नींद अवधि के करीब सोते हैं, वे आम तौर पर खुद की हेल्थ को बेहतर मानते हैं। चाहे वो लोग 8 घंटे से ज्यादा या कम ही क्यों न सोते हों।
National Sleep Foundation और दूसरी रिसर्च पर आधारित नींद की सलाह
उम्र वर्ग | रोज़ाना नींद की सिफारिश की गई अवधि |
नवजात (0-3 महीने) | 14–17 घंटे |
शिशु (4-11 महीने) | 12–15 घंटे |
छोटे बच्चे (1-2 साल) | 11–14 घंटे |
प्रीस्कूल (3-5 साल) | 10–13 घंटे |
स्कूली बच्चे (6-13 साल) | 9–11 घंटे |
किशोर (14-17 साल) | 8–10 घंटे |
वयस्क (18-64 साल) | 7–9 घंटे |
वरिष्ठ नागरिक (65+ साल) | 7–8 घंटे |
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