हमारा मौखिक स्वास्थ्य एक दर्पण की तरह है, जो यह बताता है कि हमारा शरीर कितना हेल्दी और अच्छा है। अगर मुंह साफ न हो तो सिर्फ दांतों की ही नहीं, बल्कि सांस लेने में दिक्कत, हार्ट रोग और शुगर जैसी बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। हालांकि, आजकल गलत खानपान, मीठे का ज्यादा सेवन, जंक फूड और ओरल हाइजीन की कमी के कारण दांतों की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। कम उम्र में ही लोग कैविटी, दांतों की सड़न और दर्द जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। आमतौर पर लोग इसके इलाज के लिए महंगे डेंटल ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक दांतों की सेहत को बचाने और समस्याओं को कम करने के लिए कई आसान और घरेलू उपाय मौजूद हैं।

आयुर्वेद एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, कई बार मुंह से बहुत ज्यादा दुर्गंध आती हैं, जिसके चलते अक्सर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। दांत में तेज दर्द और मुंह से दुर्गंध आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जिसके चलते डेंटल प्रॉब्लम होने के साथ-साथ कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, हमारी रसोई में ही ऐसे कई प्राकृतिक उपाय छिपे हुए हैं, जो न सिर्फ दांतों की हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि कई अन्य बीमारियों से बचाने के लिए भी लाभकारी हैं। घरेलू नुस्खे न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि लंबे समय तक दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ भी रखते हैं। ये आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे दांतों के दर्द, सड़न और कैविटी को ठीक करने में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।

दांतों की सड़न और कैविटी का कारण

दरअसल, ज्यादा मीठा खाने से दांतों में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इसके अलावा सही तरीके से ब्रश और फ्लॉस न करने से दांतों में गंदगी जमा होती है। ऐसे ही कैल्शियम और मिनरल्स की कमी होना भी एक मुख्य कारण है, इससे दांत कमजोर होकर जल्दी खराब होने लगते हैं। सोडा, कोल्ड ड्रिंक और फ्राई चीजें दांतों की इनेमल को नुकसान पहुंचाती हैं।

कैविटी के दर्द से कैसे राहत पाएं

दांतों में कैविटी की समस्या को दूर करने के लिए लौंग बहुत ही फायदेमंद हो सकती है। लौंग में यूजेनॉल नामक मिश्रण होता है, जिसमें प्राकृतिक एनेस्थेटिक गुण होते हैं। दांत में दर्द और सूजन के लिए बहुत असरदार होती है। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, दांत दर्द में लौंग का तेल सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। इससे दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है। एक कॉटन में 2-3 बूंद लौंग का तेल लगाकर दर्द वाले दांत पर रखें। रोजाना सोने से पहले इसका उपयोग करने से कैविटी और सड़न कम हो सकती है।

ऑयल पुलिंग

दांतों की सफाई के लिए ऑयल पुल्लिंग भी प्राचीन आयुर्वेदिक तकनीक है। यह दांतों और मसूड़ों को हेल्दी रखने में मदद करती है। एक चम्मच नारियल या तिल का तेल मुंह में लेकर 10–15 मिनट तक घुमाएं और फिर थूक दें। ऐसा रोज करने से दांतों का पीलापन धीरे-धीरे कम होगा, बैक्टीरिया खत्म होंगे और सांसों की दुर्गंध भी दूर होगी।

हल्दी और सरसों का तेल

हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके अलावा सरसों का तेल मसूड़ों को मजबूत बनाता है और बैक्टीरिया की ग्रोथ रोकता है। हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमाल करने के लिए आधा चम्मच हल्दी पाउडर में कुछ बूंदें सरसों के तेल की मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे ब्रश की तरह दांतों और मसूड़ों पर हल्के हाथों से रगड़ें। नियमित रूप से ऐसा करने से दांतों की हेल्थ अच्छी होगी।

वहीं, जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, खराब लाइफस्टाइल के कारण तनाव होता है और इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।