कुछ बीमारियां इतनी ज्यादा खतरनाक हैं कि उनका नाम सुनते ही रोंगटे खड़े होने लगते हैं। एचआईवी पॉजिटिव और ब्लड कैंसर जैसी घातक बीमारियां अगर एक साथ किसी शख्स को हो जाए तो उसकी जिंदगी बद से बदतर हो जाती है। जर्मनी में एक 53 साल का शख्स एचआईवी पॉजिटिव होने के साथ ही ब्लड कैंसर से भी पीड़ित था। डॉक्टरों ने इस शख्स का इलाज करके चमत्कार कर दिया। इलाज के दौरान मरीज़ को दोनों बीमारियों से मुक्ति दिलाई गई है।

डॉक्टरों ने मरीज में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट करने के बाद वायरस से मुक्ति दिलाई, साथ ही ल्यूकेमिया का भी इलाज किया। अध्ययन के निष्कर्ष सोमवार को नेचर जर्नल में प्रकाशित हुए। डॉक्टरों ने नई तकनीक से HIV और कैंसर से जूझ रहे मरीज को ठीक कर दिया जो इन जानलेवा बीमारी से बचने के लिए आशा की किरण साबित होगा। इससे पहले बर्लिन और लंदन में एचआईवी और कैंसर दोनों के दो अन्य रोगियों के ठीक होने के मामले सामने आ चुके हैं।

2008 से मरीज़ HIV Positive था:

साल 2008 में जर्मन में एक आदमी एचआईवी पॉजिटिव पाया गया,फिर तीन साल बाद पता चला कि उसे एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया है,जो ब्लड कैंसर का जानलेवा रूप है। अध्ययन के अनुसार पुरुष जिसे डसेलडोर्फ रोगी (Dusseldorf patient) के रूप में भी जाना जाता है, उसके CCR5 जीन में एक दुर्लभ उत्परिवर्तन के साथ एक महिला डोनर के स्टेम सेल का उपयोग करके बोन मैरो(bone marrow) प्रत्यारोपण किया गया था। वैज्ञानिकों का दावा है कि एचआईवी को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकने के लिए ये परिवर्तन किया गया है।

CCR5 जीन ने कैसे बीमारी पर लगाई रोक:

एक्सपर्ट के मुताबिक महिला के CCR5 म्यूटेशन जीन ने बीमारी को शरीर में फैलने से रोक दिया। CCR5 एक दुर्लभ जीन है,जो कोशिकाओं में HIV को फैलने से रोकता है। अध्ययन से यह भी पता चला कि डसेलडोर्फ के मरीज ने 2018 में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) लेना बंद कर दिया और तब से एचआईवी मुक्त है। कैस्टिलजो का इलाज करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट रवींद्र गुप्ता के अनुसार नवीनतम अध्ययन इस तथ्य को पुख्ता करता है कि CCR5 जीन इस बीमारी का इलाज करने के लिए सबसे आसान लक्ष्य है।

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट क्या है:

लंदन के रोगी को स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद आसानी से ठीक किया गया है जबकि कैंसर और एचआईवी दोनों लाइलाज बीमारियां हैं। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक मेडिकल सर्जरी है जिसमें रोगी के शरीर को अस्वास्थ्यकर या क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और ऊतकों को बदलने के लिए स्टेम सेल दिए जाते हैं। रोगों को ठीक करने के लिए स्टेम सेल थेरेपी का उपयोग अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है। प्रेडओमिक्स के सह-संस्थापक और सीएसओ, डॉ.कनुरी राव ने Financial Express.com को बताया कि इलाज की ये तकनीक भविष्य में आशा की किरण साबित होगी।