विटामिन बी12 हमारी बॉडी के लिए बेहद जरूरी विटामिन है। शरीर में इस विटामिन की कमी होने से हाथ-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन, मांसपेशियों में कमजोरी होना और मानसिक भ्रम की स्थिति और नसों में कमजोरी होने लगती है। हेल्दी और फिट शरीर के लिए विटामिन बहुत ही जरूरी है। शरीर में विटामिन की कमी होने पर कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है, लेकिन कई लोग विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट और अन्य कई प्रकार के तरीके फॉलो करते हैं।

बॉडी में इस जरूरी विटामिन के कम होने से नसें कमजोर होने लगती है और उनमें दर्द होने लगता है। इस विटामिन की कमी से तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हमारी नसों को माइलिन नामक एक सुरक्षात्मक परत ढकती है, जिसे माइलिन शीथ कहते हैं। यह परत नसों को सुरक्षित रखने और तंत्रिका संकेतों को तेजी से संचारित करने में मदद करती है। विटामिन बी12 की कमी से माइलिन शीथ कमजोर हो जाती है जिससे तंत्रिका संकेत बाधित हो जाते हैं।

विटामिन बी12 का उद्देश्य

विटामिन B12 शरीर की तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने और डीएनए के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है। विटामिन और मिनरल्स आदि कई प्रकार के ऐसे पोषक तत्व हैं, जिनका शरीर में होना जरूरी है। आप हर दिन अपनी सबसे पुरानी लाल रक्त कोशिकाओं का लगभग 1% खो देते हैं और बदल देते हैं। फोलेट यानी विटामिन B9 और विटामिन B12 नई लाल रक्त कोशिकाओं की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं। शरीर की कई प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक होने के बावजूद, विटामिन बी12 का हैवी सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

विटामिन बी12 के दुष्प्रभाव

इस विटामिन के अधिक सेवन से दिल की धड़कनें तेज हो सकती हैं, तंत्रिका क्षति हो सकती है और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है। इस लाभकारी विटामिन के अधिक सेवन शरीर का संतुलन बिगाड़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप लिवर की क्षति, दिल की धड़कनें तेज हो सकती हैं और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

एलर्जी

विटामिन बी12 की हैवी डोज से स्किन संबंधी समस्याएं होने का खतरा अधिक होता है। हैवी डोज लेने पर कुछ लोगों को स्किन रैश, खुजली या रेडनेस की शिकायत हो सकती है। इससे ऐलर्जिक रिएक्शन जैसे एनाफिलेक्सिस भी हो सकता है। इससे शरीर में बैक्टीरिया P.acnes एक्टिव हो जाता है जिससे पिंपल्स बढ़ सकते हैं।

हार्मोनल असंतुलन

विटामिन बी12 का अधिक सेवन करने से हार्मोनल असंतुलन होने का खतरा अधिक रहता है। अत्यधिक B12 कुछ लोगों में हार्मोनल बदलाव ला सकता है, जिससे थकान, मूड स्विंग्स आदि हो सकते हैं।

किडनी पर असर

विटामिन बी12 की हाई डोज का सीधा असर किडनी पर पड़ सकता है। अगर पहले से किडनी संबंधी कोई दिक्कत है, तो हाई डोज B12 उसके काम को और प्रभावित कर सकता है और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ सकता है।

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