क्या आपने महसूस किया है कि किसी चीज़ को कसकर पकड़ने की आपके हाथो में ताकत नहीं है? कभी-कभी चम्मच भी हाथ से छूट जाता है या फिर किसी बोतल का ढक्कन खोलना भी मुश्किल लगने लगा है। अगर हां, तो ये साफ संकेत है कि आपकी नसे और मांसपेशियां कमजोर हो रही है। नसों और मांसपेशियों की कमजोरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो चीजों को पकड़ने की ताकत को भी प्रभावित करते हैं। विटामिन और मिनरल की कमी नसों के सिग्नल ट्रांसफर को कमजोर कर देती है जिससे हाथों की पकड़ कमजोर हो जाती है।
कमजोर मांसपेशियों के कारण हाथों में ताकत कम हो जाती है। खराब रक्त संचार की वजह से नसों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे पकड़ कमजोर होती है। क्रॉनिक सूजन भी हाथों की ताकत प्रभावित करती है। डायबिटीज, अल्कोहल, कुछ दवाओं या न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण नसें कमजोर हो सकती हैं और पकड़ भी कमजोर हो सकती है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि 60 की उम्र के बाद हाथों की ग्रिप स्ट्रेंथ में हर साल 2-3% की गिरावट हो सकती है। अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह कमजोरी शरीर के बाकी हिस्सों जैसे कंधे, गर्दन और पीठ को भी प्रभावित कर सकती है। यही नहीं, हाथों की कमजोरी का सीधा संबंध कॉग्निटिव डिक्लाइन और गिरने के जोखिम से भी है। कुछ असरदार, देसी और साइंस बेस्ड उपाय हैं जो हाथों की नसों में जान डाल सकते हैं, पकड़ को फिर से मजबूत कर सकते हैं और रोजमर्रा के कामों में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे उपाय हैं जो आपकी नसों में जान डाल सकते हैं और मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं।
भुना चना और अंजीर खाएं
हाथों की ताकत बनाए रखने के लिए प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर बेहद जरूरी हैं। भुना चना प्रोटीन और आयरन का अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों को मजबूत और खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करता है। वहीं अंजीर फाइबर और पोटैशियम से भरपूर है, जो सूजन कम करने और नसों की गतिविधि को तेज करने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट एक कटोरी भुना चना और रात भर भिगोए गए दो अंजीर खाने से 10 दिन में फर्क महसूस होने लगता है।
मेथी दाना और अलसी के बीज खाएं
अगर हाथों में बार-बार झनझनाहट या सुन्नपन होता है, तो यह नसों में सूजन का संकेत हो सकता है। मेथी और अलसी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर सूजन कम करते हैं और नसों को ताकत देते हैं। रात को एक-एक चम्मच मेथी दाना और अलसी भिगोकर सुबह चबा-चबाकर खाने से राहत मिलती है।
सहजन की पत्तियां
सहजन जिसे ड्रमस्टिक लीव्स भी कहा जाता है सेहत के लिए बेहद उपयोगी हैं। सहजन में कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड और जिंक भरपूर होता है जो मांसपेशियों और नसों की कार्यक्षमता बढ़ाने में मददगार है। सहजन की सूखी पत्तियों का चूर्ण या ताजी पत्तियों की सब्जी हफ्ते में दो-तीन बार खाने से हाथों की कमजोरी कम होती है।
नारियल तेल और सरसों तेल की मालिश
हाथों की नसों और मांसपेशियों को सक्रिय करने के लिए नारियल और सरसों तेल की हल्की गुनगुनी मालिश बेहद असरदार है। नारियल तेल सूजन घटाता है और सरसों तेल रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। रोज सुबह और रात को 10 मिनट मालिश करने से सिर्फ एक हफ्ते में फर्क महसूस होने लगता है।
विटामिन B12 और D3 का करें सेवन
उम्र बढ़ने पर हाथों की कमजोरी का बड़ा कारण विटामिन B12 और D3 की कमी हो सकती है। B12 नसों की सुरक्षा परत यानी माइलिन शीथ को मजबूत करता है और D3 मांसपेशियों व हड्डियों को ताकत देता है। ब्लड टेस्ट कराएं और कमी होने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट का सेवन करें।
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