शकरकंद कुदरत का मीठा तोहफ़ा है, जो स्वाद और सेहत दोनों का खज़ाना है। पोषक तत्वों से भरपूर यह जड़ वाली फसल सर्दियों के मौसम में अक्टूबर से लेकर फरवरी-मार्च तक आसानी से उपलब्ध रहती है। इसका मीठा स्वाद न सिर्फ स्वादिष्ट स्नैक्स या नाश्ते के रूप में पसंद किया जाता है, बल्कि यह शरीर को अंदर से मज़बूती भी देती है। इसमें मौजूद फाइबर, विटामिन और मिनरल्स मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखते हैं, जिससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती और वजन कंट्रोल में रहता है। शकरकंद को सही तरीके से सेवन करने पर यह शरीर के लिए ऊर्जा, पोषण और गर्माहट का नेचुरल स्रोत साबित होती है। सर्दी में बॉडी को गर्म रखती है शकरकंद।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नित्यानंद श्री ने बताया शकरकंद खाने से बॉडी को एनर्जी मिलती है और बॉडी लम्बे समय तक एक्टिव रहती है। ये सब्जी ठंड के दिनों में बॉडी की कमजोरी और थकान को दूर करती है और बॉडी को एक्टिव रखती है। इसके अलावा शकरकंद में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो तुरंत बॉडी को एनर्जी देती है और शरीर की अंदरूनी गर्मी बनाए रखती है। ये सब्जी ब्रेन की हेल्थ में सुधार करती है और मूड को बूस्ट करती है। आइए जानते हैं कि शकरकंद कैसे ब्रेन को शार्प करती है और मूड को बेहतर बनाती है।

ब्रेन और मूड पर कैसे असर करती है शकरकंद

सर्दियों में शकरकंदी सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाती बल्कि दिमाग के लिए भी एक पावरहाउस फूड है। इसमें मौजूद विटामिन B6, मैग्नीशियम, कॉपर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स दिमाग की कार्यक्षमता और मूड दोनों को बेहतर बनाते हैं। कई रिसर्च के मुताबिक शकरकंदी में मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में सेरोटोनिन नामक हैप्पी हार्मोन के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे तनाव और एंग्जायटी कम होती है।

ब्रेन और मूड के लिए जरूरी पोषत तत्व जो शकरकंद में हैं मौजूद

शकरकंदी में मौजूद कॉपर और मैंगनीज़ दिमाग की कोशिकाओं यानी न्यूरॉन को एक्टिव रखता हैं और न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में मदद करता हैं, जिससे फोकस और मेमोरी बेहतर होती है। इस सब्जी में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और B6 मौजूद होता है। ये विटामिन दिमाग में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाता हैं। ये केमिकल मूड को स्थिर रखता है और डिप्रेशन को दूर करता है।  

इसमें मौजूद एंथोसायनिन और बीटा-कैरोटीन फ्री रेडिकल्स से ब्रेन सेल्स को बचाते हैं। ये सब्जी दिमाग को जल्दी बूढ़ा नहीं होने देती और दिमाग की हिफाजत करती है। शकरकंदी कार्ब्स से एनर्जी धीरे-धीरे रिलीज करती है जिससे दिमाग लंबे समय तक एक्टिव रहता है और झटके से एनर्जी डाउन नहीं होती। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम दिमाग को शांत रखते हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर घटता है। इसे खाने से थिंकिंग, लर्निंग और रीजनिंग कैपेसिटी बढ़ती है।

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