आंखें सिर्फ हमारी नजरों का आईना नहीं हैं, बल्कि शरीर की सेहत का भी सटीक संकेत देती हैं। जब शरीर के अंदर कोई गड़बड़ी होती है, तो उसका असर सबसे पहले आंखों पर दिखने लगता है। नींद की कमी, थकान, तनाव, किडनी की परेशानी, विटामिन और मिनरल्स की कमी जैसी समस्याएं आंखों की चमक और सेहत को प्रभावित करती हैं। कई बार आंखों में दिखने वाले बदलाव जैसे काले घेरे, सूजन, पीलापन या धुंधलापन शरीर में छिपी बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक आंखों में आने वाले छोटे बदलावों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यही आपकी आंतरिक सेहत का आईना हैं।

आंखें सिर्फ भावनाओं को ही नहीं दर्शातीं बल्कि ये शरीर के अंदर क्या हो रहा है, यह भी दर्शाती हैं। पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा शर्मा ने हाल ही में एक पोस्ट में बताया कि कई पोषण संबंधी कमियों और बीमारियों के शुरुआती संकेत आंखों में दिखाई देते हैं। अगर हर संकेत पर जल्दी ध्यान दिया जाए, तो बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम को रोकने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कि आंखों में दिखने वाले कौन-कौन से लक्षण कौन-कौन सी बीमारियों का संकेत देते हैं और इनका उपचार कैसे किया जाए।

आंखों में पीलापन दिखना

अगर आंखों में हल्का पीलापन दिखे तो ये लिवर ओवरलोड या बाइल फ्लो की कमी का संकेत हो सकता है। लिवर से जुड़ी इस परेशानी का इलाज करने के लिए आप अपनी डाइट में आंवला, चुकंदर और हल्दी का सेवन करें। ये फूड लिवर को डिटॉक्स करते है और आंखों की नेचुरल चमक लौटाते हैं।

आंखों के पास छोटे दाने या टैग्स होना

पलकों या आंखों के आस-पास पीले रंग का मुलायम उभार या दाने दिखना खून में LDL कोलेस्ट्रॉल के हाई होने के संकेत हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के ये निशान साफ इशारा हैं कि आपके दिल की सेहत खतरे में है। खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए आप अपनी डाइट में ओट्स, लहसुन और अखरोट का सेवन करें। इन्हें खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है और स्किन हेल्दी रहती है।

अंदरूनी पलकों का फीका रंग

अगर निचली पलकों की अंदरूनी सतह गुलाबी की जगह पीली या सफेद लगे तो ये खून की कमी के संकेत है। पलकों की सफेदी साफ जाहिर करती है कि आपको एनीमिया है। कमी को पूरा करने के लिए डाइट में चुकंदर, अनार का सेवन करें। इन फलों का सेवन उसका जूस बनाकर करें तो बॉडी में आयरन की कमी पूरी होगी और बॉडी को पर्याप्त विटामिन C मिलेगा।

डार्क सर्कल्स

सिर्फ नींद की कमी ही नहीं, बल्कि आयरन की कमी से भी आंखों के नीचे काले घेरे बनते हैं। डार्क सर्कल का इलाज करने के लिए आप मोरिंगा पाउडर और भीगे किशमिश खाएं। इन्हें खाने से स्किन को ऑक्सीजन मिलती है और डार्क सर्कल्स कम होते हैं।

धुंधला दिखना

आंखों से धुंधला दिखाई देना या आंखों से कम दिखाई देना साफ संकेत है कि आपकी बॉडी में विटामिन A की कमी हो गई। बॉडी में विटामिन A की कमी को डाइट से पूरा किया जा सकता है। डाइट में मोरिंगा के पत्ते, आंवला और घी का सेवन करें। इनका सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होगी।

उभरी हुई आंखें

आंखों का बाहर की ओर उभरना हाइपोथायरायडिज्म का संकेत हो सकता है। आंखों में इस तरह का कोई उभार दिखे तो आप तुरंत थायराइड का टेस्ट कराएं और डाइट में बदलाव करें। डाइट में अलसी के बीज, ब्रोकली और अंडे की जर्दी का सेवन करें। इन फूड्स को खाने से थायराइड बैलेंस रहता है और सूजन कंट्रोल होती है।

आंखों से पानी आना

बिना जलन के लगातार आंसू आना विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) की कमी दर्शाता है। बॉडी में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए  डाइट में बादाम, दूध और मशरूम का सेवन करें। ये फूड आंखों की नमी बनाए रखते हैं और आंखों को हेल्दी रखते हैं।

आंख का बार-बार फड़कना

बार-बार आंख फड़कना या झपकना मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। बॉडी में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में कद्दू के बीज, केला और पालक खाएं। ये फूड नर्व्स और मसल्स को रिलैक्स देते हैं।

आंखों में सूजन होना

सुबह आंखें फूली हुई लगना अत्यधिक नमक सेवन और वॉटर रिटेंशन का संकेत है। इस परेशानी में आंखों को पानी से वॉश करें और डाइट में खीरा, तरबूज और धनिया पानी का सेवन करें। ये फूड शरीर से अतिरिक्त नमक निकालते हैं और सूजन कम करते हैं।

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