थायरॉयड की बीमारी एक हार्मोनल इश्यू है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। पुरुषों की तुलना में सबसे ज्यादा महिलाएं इस बीमारी का शिकार होती हैं। बता दें कि बॉडी में थायरॉक्सिन हार्मोन जब अधिक मात्रा में रिलीज होने लगता है तो इसके कारण थायरॉयड की बीमारी हो सकती है। अगर शरीर में थायरॉयड हार्मोन की अधिकता हो जाती है तो इस स्थिति को हाइपरथायरॉयडिज्म और कमी की स्थिति को हाइपोथायरॉयडिज्म कहा जाता है।

बता दें कि थायरॉयड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने के साथ ही बॉडी के सेल्स को भी कंट्रोल करने में मदद करता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 10वां शख्स थायरॉयड की बीमारी से जूझ रहा है।

थायरॉयड के लक्षण: इस बीमारी में कई तरह की समस्याएं होती हैं, जैसे कि तेजी से वजन बढ़ना या फिर घटना शुरू हो जाता है, आप हमेशा थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं, इसके अलावा मन चिड़चिड़ा हो जाता है। साथ ही बाल झड़ने, सांस फूलने और बेवजह चिंता करने की भी समस्या होती हैं।

बाबा रामदेव के मुताबिक योग के जरिए थायरॉयड की परेशानी को कंट्रोल किया जा सकता है। स्वामी रामदेव ने कुछ योगासन बताए हैं, जिन्हें आप अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं।

सर्वांगासन: थायरॉयड की समस्या से ग्रस्त मरीज अपने रुटीन में सर्वांगासन को शामिल कर सकते हैं। इससे ना सिर्फ बॉडी में थायरॉक्सिन हार्मोन संतुलित रहता है बल्कि यह ब्रेन में एनर्जी के फ्लो को बढ़ाता है। जिससे आपको तनाव और चिंता से मुक्ति मिल सकती है।

मत्स्यासन: इस आसन में आपका शरीर मछली के समान लगता है। मत्स्यासन का अभ्यास करने से छाती और फेफड़ों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही यह बेली फैट को भी बर्न करता है। मत्स्यासन के नियमित अभ्यास से थायरॉयड नियंत्रित रहता है।

चक्रासन: हाई बीपी, ब्लड शुगर लेवल और मोटापा जैसी परेशानियों को कंट्रोल करने के साथ ही चक्रासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से थायरॉयड ग्लैंड एक्टिव हो जाता है। यह दिमाग को तेज करने के साथ ही व्यक्ति की एकाग्रता को भी बढ़ाता है। ऐसे में आप इस योगासन को अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं।