आमतौर पर लोग मोटापे को जिन्दगी का हिस्सा मान लेते हैं, लेकिन आज इस बात के प्रमाण हैं कि यह एक बड़ी समस्या है, जो कई गंभीर बीमारियों की जननी है। हर उम्र के लोगों में मोटापे की दर बढ़ रही है, जो इसके गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने का प्रमाण है, लिहाजा सिर्फ वजन बढ़ना मान कर मोटापे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज, सीनियर डायरेक्टर, रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि वजन कम करने के लिए क्या करना चाहिए और वजन बढ़ने से किन बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

भारत पर मोटापे का बोझ क्यों बढ़ रहा है?

भारत की स्थिति तो अधिक चिंताजनक है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5, 2019-21) के अनुसार, हर चार में लगभग एक पुरुष और महिला का अधिक वजन है। सभी राज्यों के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यह 8 से 50 प्रतिशत तक है। खास कर बच्चों में जिस दर से मोटापा बढ़ रहा है बहुत चिंताजनक है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के मुताबिक, बचपन में मोटापे की दर दुनिया में सबसे अधिक भारत में है। पिछले 15 वर्षों में बच्चों और वयस्कों दोनों में मोटापा के मामले दोगुने हो गए हैं। और पिछले 30 वर्षों में तो यह तीन गुने हो गए हैं।

द लैंसेट डायबिटीज़ एंड एंडोक्रिनोलॉजी (2023) में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने एक अध्ययन प्रकाशित कर चौंका दिया है कि भारत में 20 वर्ष से अधिक आयु के 35 करोड़ वयस्कों को पेट का मोटापा, 25 करोड़ को सामान्य मोटापा और 21 करोड़ को कोलेस्ट्रॉल लेवेल बढ़ा होने की समस्या है। इससे यह बात साफ है कि मोटापा मेटाबॉलिज्म की कई अलग-अलग समस्याओं से संबंध है।

डॉ. आशीष गौतम के मुताबिक, भारत में लोगों के खानपान और रहन-सहन का ढंग तेजी से बदला है। लोग कैलोरी तो पर्याप्त ले रहे हैं, लेकिन उनके भोजन की गुणवत्ता अभी भी खराब है। विश्व खाद्य सुरक्षा और पोषण रिपोर्ट (2024) के अनुसार, भारत में लगभग 78 करोड़ लोग यानी देश की 55 प्रतिशत आबादी पोषक आहार का खर्च नहीं उठा सकती। लगभग 40 प्रतिशत लोगों के आहार में पर्याप्त पोषक तत्व नहीं होते हैं।

इस समस्या के बद से बदतर होने के कई कारण हैं जैसे कि अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड खाना जिनमें फैट, चीनी और नमक सब अधिक मात्रा में होते हैं और ये आसानी से हर जगह मिल जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, आज के समय में खानपान के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते मोटापा बढ़ने का खतरा बढ़ने लगता है।

मोटापे से इन बीमारियों का खतरा

शरीर में फैट कहां जमा है यह देखना भी महत्वपूर्ण है। कुछ लोगों में मोटापा का रूप नाशपाती की तरह होता है। इसका अर्थ उनके कूल्हों और जांघों में फैट जमा होता है। कुछ लोगों का मोटापा सेब के आकार का होता है, जिसका अर्थ है कि उनके पेट में फैट जमा होता है। सबसे खतरनाक सेंट्रल या एब्डॉमिनल ओबेसिटी है, क्योंकि इसका संबंध कई घातक समस्याओं से है जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई रोग, फैटी लिवर की बीमारी और कुछ कैंसर आदि बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है।

पाचन से जुड़ी समस्या

मोटापे के कारण गॉलब्लेडर में स्टोन से लेकर कई पाचन से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती है। गॉलब्लेडर पाचन तंत्र का ही एक हिस्सा है, जो पेट में स्थित होता है। पेट की चर्बी बढ़ने से इस पर प्रभाव पड़ता है और दिल की बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

डायबिटीज

सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से परेशान लोगों में मोटापे की समस्या भी होती है। ऐसे में बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इसी के जरिए आप पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं और डायबिटीज यानी मधुमेह के रोग को कम कर सकते हैं।

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या

शरीर का वजन बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो हो सकती है। जिसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है और इससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में वजन को कंट्रोल में रखना भी बहुत आवश्यक है।

कारगर उपचार

आज ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका एक तो वजन बहुत ज्यादा है और दूसरा आहार, व्यायाम और लाइफस्टाइल बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बेरियाट्रिक सर्जरी ऐसे लोगों के लिए एक कारगर उपाय है। यदि आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 32 से अधिक है और आपको डायबीटीज, स्लीप एपनिया या फिर जोड़ों की बीमारी जैसी समस्याएं हैं, तो आप बेरियाट्रिक सर्जरी का मन बना सकते हैं। दरअसल, बीएमआई 35 से ज्यादा होने पर इस सर्जरी का सुझाव दिया जा सकता है, भले ही स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य समस्या नहीं हो। इसके अलावा इससे होने वाले सुधार को बरकरार रखने के लिए आपको लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव करना होगा। आहार में प्रोटीन की प्रचूरता, नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी और विटामिन एवं मिनरल्स सप्लीमेंट लेना बहुत जरूरी है।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।