आंख फड़कना एक आम समस्या है, जिसे लोग अक्सर शुभ या अशुभ संकेत मान लेते हैं, लेकिन आंखें बार-बार फड़क रही हैं और यह लंबे समय तक हो रहा है तो ये शरीर में किसी जरूरी पोषक तत्व की कमी की ओर इशारा हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, फड़फड़ाना विटामिन डेफिशियेंसी का संकेत होता है जिसे मेडिकल भाषा में ‘मायोकेमिया’ कहते हैं। आंख फड़कने का मुख्य कारण विटामिन बी12 और मैग्नीशियम की कमी होती है। इनकी कमी के चलते मांसपेशियों और नसों का कामकाज प्रभावित होता है। जिसके चलते अनियंत्रित मसल मूवमेंट यानी फड़कन शुरू हो जाती है। डायटिशियन एवं न्यूट्रीशियनिस्ट अर्चना जैन ने बताया कि आंख फड़कने को कैसे दूर किया जाए और विटामिन बी12 और मैग्नीशियम की कमी कैसे पूरी किए जाए।
डायटिशियन एवं न्यूट्रीशियनिस्ट अर्चना जैन के मुताबिक, आंख फड़कने एक आम समस्या है। जिसे आमतौर पर लोग अच्छा या बुरा होने के संकेत के रूप में देखते हैं, लेकिन बार-बार या फिर लंबे समय तक आंखों का फड़कना शरीर में पानी की कमी, अधिक स्ट्रेस में रहने और पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। हालांकि, आंख फड़कने की समस्या से कोई नुकसान नहीं होता और आसानी से इसे ठीक किया जा सकता है।
आंख के फड़कने का कारण
आंखों का फड़कना विटामिन बी 12 की कमी के कारण हो सकता है। यह विटामिन हमारी नसों और मांसपेशियों के सही संचार के लिए जरूरी होता है। विटामिन बी12 की कमी से आंख की मांसपेशियां बार-बार सिकुड़ने लगती हैं, जिससे फड़कन महसूस होती है। यह न्यूरोलॉजिकल कार्यों को सपोर्ट करता है, इसकी कमी से तनाव, सिरदर्द और थकान भी बढ़ सकती है।
इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी के चलते भी आंख फड़कने लगती है। मैग्नीशियम मांसपेशियों के संकुचन और आराम को कंट्रोल करता है। इसकी कमी से आंखों सहित शरीर के अन्य हिस्सों की मसल्स में अनावश्यक फड़कन या झटके महसूस हो सकते हैं। यह तनाव, नींद की कमी और कैफीन का अत्यधिक सेवन इसकी कमी को और बढ़ा सकता है।
कैसे करें बचाव
विटामिन बी12 और मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए खानपान का ध्यान रखें। ऐसे में दूध, दही, अंडा, मछली, चिकन, सोया मिल्क और फोर्टिफाइड अनाज विटामिन बी12 को अच्छे से पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा पालक, बादाम, कद्दू के बीज, एवोकाडो, ब्राउन राइस और दालों का सेवन से मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में मिलेगा।
वहीं, द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि रोजाना सिर्फ 7,000 कदम चलना भी स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए काफी हो सकता है।