तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ब्लड शुगर लगातार हाई है। डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक केजरीवाल की ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए उन्हें इंसुलिन का एक शॉट दिया गया है। इंसुलिन देने के बाद भी केजरीवाल की शुगर 250 mg/dl और 320 mg/ dl तक पहुंच रही है। केजरीवाल का फास्टिंग शुगर 160-200 mg/dl तक जा रहा है जबकि 90 से 100 के आस-पास होना चाहिए। केजरीवाल का कहना है कि 21 मार्च को ईडी की हिरासत में आने के बाद से उन्हें इंसुलिन नहीं दिया गया जबकि वो पिछले दस सालों से इंसुलिन से ब्लड शुगर को नार्मल करते हैं।
शुगर का लगातार बढ़ा हुआ यह स्तर किसी के लिए भी घातक है। ब्लड शुगर का इस लेवल तक लगातार हाई रहने ने मरीज के दिल, किडनी और लंग्स को नुकसान पहुंच सकता है। केजरीवाल की ब्लड शुगर लगातार हाई है जिसे कंट्रोल करने के लिए उन्हें इंसुलिन दिया गया जो उनकी सेहत पर बेअसर साबित हो रहा है। जेल जाने से पहले केजरीवाल 50 यूनिट इंसुलिन का डोज लेते थे। अब सवाल यह उठता है आख़िर इंसुलिन देने के बाद ब्लड शुगर कंट्रोल क्यों नहीं हो रहा?
अपोलो हॉस्पिटल में डायबिटीज थायराइड हार्मोन स्पेशलिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर बी.के.राय के मुताबिक कुछ लोगों की ब्लड शुगर इंसुलिन लेने के बाद भी कम नहीं होती जिसके लिए इंसुलिन को लेने का समय मायने रखता है। कुछ लोगों सालों से इंसुलिन लेते हैं फिर भी उनका ब्लड शुगर कभी भी 200 से नीचे नहीं जाता तो ऐसे लोगों को इंसुलिन का डोज बढ़ाने की और कुछ खास तरीके को अपनाने की जरूरत होती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इंसुलिन लेने के बाद ब्लड शुगर नॉर्मल क्यों नहीं आता?
इंसुलिन लेने के बाद ब्लड शुगर नॉर्मल नहीं आने का कारण
- इंसुलिन लेने के बाद ब्लड शुगर नॉर्मल नहीं आने का कारण इंसुलिन लेने में की जाने वाली गलती है। कुछ लोग इंसुलिन सुबह 10 बजे लगाते हैं और लंच करते हैं डेढ़ से दो बजे। इस दौरान मरीज कुछ नहीं खाता जिससे शुगर लो होने लगता है। एक्सपर्ट के मुताबिक मरीज को पहले इंसुलिन लगाना चाहिए फिर नाश्ता करना चाहिए। नाश्ते के दो से ढाई घंटे बाद कुछ हल्का फूड जैसे दूध,फल,4 बिस्कुट या 10 बादाम खाना चाहिए। अगर इंसुलिन लगाने के बाद ये तरीका अपनाया जाए तो लंच से पहले शुगर कम और खाने के बाद हाई होने का खतरा नहीं रहेगा। इंसुलिन का सेवन करने के बाद बीच में स्नैक्स लेना जरूरी है।
- इंसुलिन की सही मात्रा का सेवन नहीं करना भी ब्लड शुगर हाई होने का कारण है।
- इंसुलिन की क्वालिटी और उसकी मिक्सिंग का ठीक नहीं होना
- इंसुलिन गलत जगह पर लगाने से भी इंसुलिन का असर ठीक से नहीं होता।
- इंसुलिन लेने के बाद खाने की मात्रा बढ़ाना या फिर कार्बोहाइड्रेट का अधिक सेवन करना भी इंसुलिन को बेअसर करता है।
इंसुलिन लेने के बाद शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा तो इन उपाय को अपनाएं
- इंसुलिन लेने के बाद ब्लड शुगर हाई जा रहा है तो आप खाने के समय का ध्यान रखें।
- अगर फास्टिंग ब्लड शुगर 120 से ज्यादा है तो सुबह-शाम में इंसुलिन का युनिट बढ़ा दें।
- इंसुलिन का इंजेक्शन आप पेट में कमर में और पैर में लगाएं इंजेक्शन बेहतर काम करेगा।
- इंसुलिन का इंजेक्शन हर बार एक ही जगह पर नहीं लगाएं वरना उस हिस्से की स्किन और नसें ब्लॉक हो सकती है और इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता।
- इंसुलिन का सेवन डॉक्टर से राय लेकर समय पर करें।
इंसुलिन लेने के बाद शुगर कंट्रोल नहीं तो क्या करें?
जेल में अरविंद केजरीवाल का ब्लड शुगर इंसुलिन लेने के बाद भी नॉर्मल नहीं हो रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर इंसुलिन की डोज लेने से फास्टिंग और पोस्ट मील शुगर नॉर्मल नहीं आता तो आपको लैंटस का डोज बढ़ाने की जरूरत है। लैंटस लंबे समय तक असर करने वाला एक इंसुलिन है जो दिन भर डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये बॉडी में नेचुरल इंसुलिन की तरह काम करता है। इंसुलिन का इंजेक्शन मसल्स और फैट सेल्स में शुगर को फिर से बनाता है और लिवर में शुगर बनने से रोकता है।