Tips to control Diabetes: खराब जीवन शैली व अनियमित खानपान के कारण होने वाली खतरनाक बीमारी में से एक डायबिटीज भी है। इस रोग से पीड़ित मरीजों के शरीर में इंसुलिन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है या फिर बॉडी सेल्स इस हार्मोन के प्रति संवेदनशील नहीं रह जाते हैं। इसके कारण रोगियों के ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हो जाती है। ब्लड शुगर अधिक हो जाने पर मधुमेह रोगी आसानी से किसी दूसरी बीमारी की चपेट में भी आ सकते हैं। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखने के लिए खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है दालचीनी: दालचीनी को पीसकर बनाया गया चूर्ण जिसे आम भाषा में सिनेमन पाउडर कहा जाता है, उसे हेल्थ एक्सपर्ट्स एंटी-डायबिटिक फूड करार देते हैं। दालचीनी पाउडर ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
एंटी-ऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत होता है: दालचीनी को एंटी-ऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। साथ ही, इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स डायबिटीज के कारण होने वाली अन्य समस्याओं को भी कंट्रोल करता है।
खाने के बाद ब्लड शुगर करता है कंट्रोल: आमतौर पर डायबिटीज रोगियों का ब्लड शुगर खाने के बाद सबसे अधिक होता है। दालचीनी भोजन के बाद ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करने वाले ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मददगार है। ऐसे में मधुमेह रोगियों के लिए ये फायदेमंद साबित होता है। एक अध्ययन के अनुसार भोजन के बाद ब्लड शुगर की मात्रा में जो अचानक वृद्धि होती है, रोजाना करीब 6 ग्राम दालचीनी के सेवन से इसका खतरा कम होगा।
कम करता है हृदय रोग का खतरा: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को हार्ट संबंधी परेशानियां कम उम्र में ही अपनी चपेट में ले लेती है। एक अध्ययन के अनुसार मधुमेह रोगियों में दिल की बीमारियों का खतरा 2 से 4 गुना बढ़ जाता है। वहीं, दालचीनी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखने में मदद मिलती है। इससे हृदय रोग का खतरा भी कम होता है।
कब और कितना खाएं: दालचीनी खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रह सकता है, लेकिन ज्यादा खाने से कई दिक्कतें भी हो सकती हैं। एक शोध की मानें तो डायबिटीज के मरीजों को रोजाना अपनी डाइट में दिन में तीन बार 500 मिलीग्राम दालचीनी शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, आप दालचीनी से बना काढ़ा भी पी सकते हैं।