High Blood Sugar: वर्तमान जीवन शैली की वजह से लोग कई स्वास्थ्य परेशानियों से घिर जाते हैं। अस्वस्थ खानपान, शारीरिक सक्रियता की कमी, स्ट्रेस और मोटापा की वजह से लोगों के रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज समेत कई खतरनाक बीमारियों का जोखिम ज्यादा हो जाता है। ब्लड ग्लूकोज का स्तर अगर फास्टिंग में 130 mg/dL, खाने के दो घंटे बाद 180 mg/dL और रैंडम टेस्टिंग में 200 mg/dL से ज्यादा हो जाए तो हाई ब्लड शुगर कहलाता है।
हालांकि, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट फॉलो करना आवश्यक होता है। स्वस्थ खानपान शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही, कुछ घरेलू उपाय भी ब्लड शुगर लेवल पर काबू पाने में मददगार साबित हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से –
तुलसी पत्ते: औषधीय गुणों से भरपूर ये हरी पत्तियां शुगर लेवल पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। तुलसी पत्ते में प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, साथ ही इसमें पाए जाने वाले तत्व पैन्क्रियाज के बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सेंसेटिव बनाते हैं जिससे शरीर में इंसुलिन फ्लो बेहतर होता है। खाली पेट दो से तीन तुलसी पत्तों को चबाएं।
दालचीनी: इंसुलिन सेंसेटिविटी को बेहतर करने में भारतीय पकवानों में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी भी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इसके इस्तेमाल से वजन घटाने में मदद मिलती है और मेटाबॉलिज्म भी बू्स्ट होता है। साथ ही, रक्त शर्करा को काबू करता है।
जामुन के बीज: डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में जामुन के बीजों का इस्तेमाल भी प्रभावी हो सकता है। सबसे पहले जामुन के बीजों को अच्छे से सुखा लें और इसके बाद इन्हें पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह खाली पेट इस पाउडर को गुनगुने पानी के साथ पीयें, इससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।
ग्रीन टी: पॉलीफेनोल एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जो रक्त शर्करा को काबू करने के लिए जाने जाते हैं। ग्रीन टी को इस एंटी-ऑक्सीडेंट का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। ऐसे में डायबिटीज रोगियों के लिए इसका सेवन फायदेमंद होगा।
मोरिंगा: मोरिंगा जिसे आम भाषा में सहजन कहते हैं, शुगर लेवल कंट्रोल करने में मददगार होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर रस निचोड़ें और सुबह सेवन करें।

