HIV यानि ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस जिसकी चपेट में एक बार कोई इंसान आ जाए तो वो कभी रिकवर नहीं हो सकता। इस बीमारी का कोई पर्मानेंट इलाज नहीं है सिर्फ इसे कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ खास दवाओं का इस्तेमाल करके स्थिति को खतरनाक होने से रोका जा सकता हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक HIV से संक्रमित इंसान अगर शुरुआत में इस बीमारी का इलाज करा लें तो जिंदगी भर कोई तकलीफ नहीं होती है। इस बीमारी के लिए कुछ लक्षणों को पहचानना जरूरी है।

HIV से संक्रमित इंसान के मुंह और स्किन में इस बीमारी के लक्षण दिख सकते हैं। इस बीमारी से संक्रामित इंसान अगर लक्षणों की पहचान शुरुआत में कर लें तो ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

medicoverhospitals के डॉ बी राजेश पल्लमराजू ने एक लेख में लिखा है कि एचआईवी का कोई इलाज नहीं है लेकिन दवाएं संक्रमण को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं और स्थिति को बदतर होने से रोक सकती हैं। इस बीमारी का प्रभावी उपचार एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी है जिसे एआरटी के रूप में जाना जाता है, से किया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि एचआईवी की बीमारी के लक्षणों की पहचान कैसे करें।

एचआईवी की बीमारी के लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं:

  • ये बीमारी कई कारणों से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है जैसे संक्रमित सुइयों का इस्तेमाल स्वस्थ इंसान में करने से,
  • मां से बच्चे में
  • असुरक्षित यौन संबंध बनाने से
  • नशीली दवाओं का सेवन करने से
  • कुछ हेल्थ प्रोब्लम की वजह से ये बीमारी पनप सकती है।

एचआईवी के लक्षण कौन-कौन से हैं?

एचआईवी के लक्षणों की बात करें तो बुखार आना,बहुत ज्यादा ठंड लगना,थकान रहना,गले में खराश होना,मांसपेशियों में तेज दर्द होना और पसीना आना शामिल हैं। इन लक्षणों के अलावा मुंह और स्किन पर भी एचआईवी के लक्षण मौजूद रहते हैं।

जीभ पर सफेद और पतले बाल निकलना:

एचआईवी से पीड़ित इंसान की जीभ पर सफेद और पतले बाल की तरह पैचेज निकलने लगते है जिसे हेयरी ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं। एचआईवी के इस लक्षण में दर्द नहीं होता लेकिन असहज महसूस होता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

मुंह में खुजली और दाद होना:

एचआईवी की वजह से मुंह में दाद और खुजली की परेशानी हो सकती है। इस परेशानी में मुंह में घाव और छाले निकलने लगते हैं। इसमें जीभ में दर्द की शिकायत होती है।

स्किन पर मस्से निकलना:

एचआईवी से संक्रामित इंसान के मुंह के आस-पास मस्से निकलने लगते हैं। इन मस्सों का रंग गुलाबी,सफेद और ग्रे हो सकता है।

मुंह में घाव होना:

ओरल हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण मुंह में गहरे घाव हो सकते हैं। हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण टिशू में अतिरिक्त पिग्मेंट जमा होने लगते हैं। ये घाव नीले,बैंगनी, भूरे या काले रंग के हो सकते हैं।