Push-ups prevent heart attack:उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का असर दिल की सेहत पर भी देखने को मिल रहा है। कम उम्र में ही लोग दिल के रोगों का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें एक्सरसाइज के दौरान लोगों की मौत हुई है। एक्सपर्ट सलाह दे रहे है कि 40 साल के बाद हैवी एक्सरसाइज दिल के लिए खतरा है। वर्कआउट करने वाले ज्यादातर लोग जिम में पुश-अप्स एक्सरसाइज जरूर करते हैं, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या पुश-अप्स एक्सरसाइज दिल के रोगों से बचा सकती है? क्या 40 के आसपास में पुश अप्स करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक (risk of stroke and heart attacks)का खतरा कम हो जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या पुश-अप्स एक्सरसाइज दिल के रोगों से बचा सकती है।
पुश-अप्स करने के फायदे: (Benefits of doing push-ups)
डॉक्टरों के मुताबिक पुश अप्स करने से शरीर के अधिकांश मसल्स मजबूत होते है, इसलिए उनमें लचीलापन बढ़ जाता है और मसल्स के फंक्शन में सुधार होता है। 2019 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के एक अध्ययन में भी पुश अप्स (push-ups)के फायदों को प्रमाणित किया गया है। इसमें बताया गया है कि पुश अप्स कई बीमारियों, कार्डिएक अरेस्ट और स्ट्रोक से बचाता है।
जामा नेटवर्क (JAMA Network Open researchers) में प्रकाशित इस अध्ययन में फायर फाइटर दल के दस्ते में शामिल पुरुषों पर परीक्षण किया गया था। अध्ययन में पाया गया था कि जिस व्यक्ति ने 30 सेकेंड के अंदर 40 पुश अप्स किए, उनमें हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और अन्य तरह के कार्डियोवैस्कुलर प्रोब्लम का जोखिम अगले 10 साल तक न के बराबर था। हालांकि जिस व्यक्ति ने 30 सेकेंड के अंदर 10 से कम बार ही पुश अप्स किए उनमें आगे हार्ट अटैक का जोखिम पाया गया।
एक्सरसाइज से हार्ट को फायदा: (WHY PUSH-UPS ARE GOOD FOR CARDIO-VASCULAR HEALTH?)
फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ विशाल रस्तोगी ने बताया कि मध्यम लेकिन गंभीर एक्सरसाइज शुगर के बढ़ने के जोखिम को कम करती है। इसके साथ ही वजन नियंत्रित करती है और स्ट्रेस हार्मोन को कम करती है। स्ट्रेस हार्मोन (stress hormones) बढ़ने के कारण शरीर में कई तरह से गड़बड़ियां पैदा होती है। इतना ही नहीं, एक्सरसाइज से इंडोरफिन हार्मोन (endorphins hormones) रिलीज होता है जिसमें कई तरह की हीलिंग पावर है।
यह कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल (cholesterol profile)में सुधार लाता है। इसका मतलब यह है कि यह एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। अगर शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम हो जाए और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो स्वभाविक ही है कि हार्ट की नलियों में किसी तरह का ब्लॉकेज नहीं होगा। इस स्थिति में आप एक हेल्दी हार्ट की कल्पना कर सकते हैं। मॉडरेट एक्सरसाइज जीवन और काम करने की क्षमता को भी बढ़ाती है। यह हार्ट को इस हिसाब से ट्रेन करती है कि हार्ट किसी भी तनाव को झेल सके और हार्ट खून को शरीर के अन्य अंगों में आसानी से पंप कर पहुंचा सके। इससे आपके शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन आएगा और आप पूरा दिन तरोताजा महसूस करेंगे।