आज के समय में देश में लगभग हर दूसरा व्यक्ति मोटापे की समस्या को लेकर परेशान है। मोटापे का मुख्य कारण गलत खानपान और घंटों-घंटों डेस्क पर बैठे-बैठे काम करना आदि है। दरअसल, जो दफ्तर में रोज लगभग 8-9 घंटे का समय बिताते हैं, उनका वजन हद से ज्यादा बढ़ जाता है और इस बात की जानकारी उन्हें भी नहीं होती है। वजन बढ़ने के चलते ही डायबिटीज, हड्डियों और कमर में दर्द या हार्ट संबंधी समस्याओं के साथ-साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

दरअसल, बेंगलुरु के एक पेशेवर ने हाल ही में रेडिट पर पोस्ट किया कि 2022 से दो साल में 24 किलो वजन बढ़ गया है, क्योंकि उसकी कॉरपोरेट जॉब डेली की 14-16 घंटे काम करने की है। उनकी इस पोस्ट के बाद से ही ये चर्चा अधिक बढ़ गई कि लंबे समय तक बैठे रहने के क्या वजन बढ़ता है? इस संबंध में हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल्स में बैरिएट्रिक सर्जन और मोटापा विशेषज्ञ, डॉ. वेणुगोपाल पारीक ने बताया कि वह भी कई युवा पेशेवरों को देखते हैं, जो रात में लेट सोते हैं और सुबह उठते ही काम कर पहुंच जाते हैं। जिससे उनका जीवन सिर्फ काम और घर पर सिमट कर रह गया और व्यायाम बिल्कुल नहीं होता। इसे मैं लिफ्ट-टू-लिफ्ट रूटीन (एक लिफ्ट से उतरना और दूसरी में चढ़ना) कहता हूं, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है।

आप कितनी तेजी से वजन बढ़ा सकते हैं?

डॉ. पारीक ने बताया कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल और फास्ट फूड डाइट के लेने वाले किसी भी व्यक्ति की वजन हर महीने में 2 किलो तक बढ़ सकता है। इसके अलावा प्रतिदिन अतिरिक्त 500 कैलोरी लेने से छह महीने में 6 से 8 किलो वजन बढ़ सकता है। बेशक, हर शरीर का अपना सेट पॉइंट होता है, जो भूख को कम करके और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन बढ़ने की गति को धीमा करता है, लेकिन व्यायाम के बिना, आपकी मांसपेशियां वसा को रास्ता देती हैं। जिस तरह से हम काम के दौरान स्नैक खाते हैं, उससे हम 350 से 500 कैलोरी तक का ओवरलोड खा लेते हैं। उन्होंने कहा, “एक पेस्ट्री से 500 कैलोरी मिलती है, एक फ्रैपुचीनो में 20 ग्राम चीनी होती है और 600 कैलोरी मिलती है, दो कुकीज और एक ईरानी चाय से 300 कैलोरी मिलती है, एक कोक कैन में 24 ग्राम चीनी होती है और 140 कैलोरी मिलती है, जबकि एक रसगुल्ला से 106 कैलोरी मिलती है।”

डॉ. पारीक ने बताया कि एक बार एक यंग कपल ने मुझे बताया कि उनका एलपीजी सिलेंडर लगभग एक साल तक चलता रहा, क्योंकि वे ज्यादातर चाय और कॉफी बनाते थे। उन्हें सुबह 9 बजे तक काम पर पहुंचना होता था, इसलिए वे नाश्ते के तौर पर अपने दफ्तर के नजदीक से कचौरी समोसा लेते थे। दोपहर के भोजन के लिए वे ज्यादातर बढ़िया बिरयानी या पुलाव मंगवाते थे, फिर देर दोपहर पेस्ट्री और कोक और रात के खाने के लिए बर्गर लेते थे। लिफ्ट और कार से आने-जाने में उनका पैदल चलना इस भार का एक अंश भी नहीं जला पाता।

लंबे समय तक काम करने से आपको भूख क्यों लगती है?

“मणिपाल हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु में बैरिएट्रिक सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सतीश एन ने बताया कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि शरीर तनाव में है और इससे निपटने के लिए कोर्टिसोल जारी करता है। कोर्टिसोल भूख को उत्तेजित करता है, विशेष रूप से हाई फैट और चीनी वाले फूड्स के लिए, जिससे कैलोरी का सेवन बढ़ जाता है। हाई कोर्टिसोल आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है, जिससे कैलोरी जलाना मुश्किल हो जाती है और वजन बढ़ जाता है। यह मांसपेशियों के निर्माण हार्मोन टेस्टोस्टेरोन को कम करता है, जिससे मांसपेशियां टूट सकती हैं, जिससे चर्बी जमा हो सकती है। कोर्टिसोल शरीर में अधिक चर्बी जमा करने का कारण बन सकता है, खासकर पेट के आसपास, भले ही कैलोरी का सेवन कंट्रोल की क्यों न हो। यह इंसुलिन प्रतिरोध को जन्म दे सकता है, जिससे शरीर के लिए ब्लड शुगर और वजन को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

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