दूध हमारी डाइट का अहम हिस्सा है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दूध का सेवन हम सुबह के नाश्ते से ले कर रात को सोने से पहले तक करते हैं। दूध का सेवन करने से हेल्थ दुरुस्त रहती है और कई बीमारियो से छुटकारा भी मिलता है। दूध हड्डियों और दांतों को स्ट्रॉंग बनाता है। इसका सेवन करने से स्किन और बाल खूबसूरत बनते हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में दूध बेहद असरदार है। अक्सर लोग दूध का सेवन रात को सोने से पहले करते हैं। ऐसा माना जाता है कि रात में गर्म दूध नींद जल्दी लाने में मदद करता है।
दूध को अनिद्रा के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार माना जाता है। वर्षों से लोग अनिंद्रा का उपचार दूध से करते आ रहे हैं। लेकिन क्या सच में रात को गर्म दूध पीने से नींद जल्दी आती है। कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई में चीफ डायटीशियन भक्ति सामंत से जानते हैं कि दूध और नींद का संबंध क्या है? सच में रात को नींद लाने में दूध जिम्मेदार है या फिर लोगों की ये धारणा है।
क्या दूध में नींद लाने वाले तत्व मौजूद होते हैं?
एकस्पर्ट के मुताबिक दूध में ट्रिप्टोफैन नाम का एक अमीनो एसिड पाया जाता है जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन का एक बिल्डिंग ब्लॉक है,जो नींद लाने में शामिल दो न्यूरोट्रांसमीटर हैं। हालांकि दूध में थोड़ी मात्रा में ही ट्रिप्टोफैन होता है, लेकिन नींद पर इसका प्रभाव ना के बराबर होता है। शरीर को ट्रिप्टोफैन को नींद को बढ़ावा देने वाले न्यूरोट्रांसमीटर में बदलने के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों और को फैक्टर की आवश्यकता होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक दूध नींद लाने के लिए जिम्मेदार है इसके कोई पुख्ता सबूत मौजूद नहीं है।
दूध का तापमान क्या नींद लाने में जिम्मेदार होता है?
दूध का तापमान या यू कहें कि गर्म दूध का सेवन थोड़ा शांत और आरामदायक अहसास पैदा करता है लेकिन नींद नहीं ला सकता। रात में अगर हम गुनगुना या हल्का गर्म दूध पीते हैं तो हमें सुकून महसूस होता है जो आराम करने में मदद करता है। दूध के तापमान में एक मनोवैज्ञानिक घटक होता है जो शरीर को यह बताने में मदद कर सकता है कि आराम करने का समय कब है। बहरहाल, नींद पर दूध के तापमान का कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है।
क्या दूध एक नेचुरल सीडेटिव हैं जो नींद लाने में मदद करता है?
गर्म दूध में बेशक सुखदायक और आरामदायक होने की क्षमता होती है लेकिन इसमें दवाओं में मौजूद सीडेटिव पदार्थों की कमी होती है, जो नींद लाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक गर्म दूध मनोवैज्ञानिक और संवेदी अनुभव को प्रभावित कर सकता है। कुछ लोगों को गर्म दूध का सेवन करने से पाचन से संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। खासकर यदि वो लैक्टोज-इंटोलरेंट हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक गर्म दूध नींद को बढ़ावा देने में किस हद तक मदद करता है, इस पर व्यक्तिगत मतभेद मौजूद हो सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक एक गिलास गर्म दूध का सेवन सोते समय करने से बचपन की याद आती है जो ब्रेन को सिगनल देती है कि ये सोने का समय है।