डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसपर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये बीमारी व्यक्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। डायबिटीज बॉडी में इंसुलिन के ठीक तरीके से काम न करने के चलते होती है। इंसुलिन एक हार्मोन होता है, जो पेंक्रियाज में बनता है। इसका काम बॉडी में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करना होता है।
दरअसल, हम जो कुछ भी खाते या पीते हैं, उसे हमारी बॉडी कार्बोहाइड्रेट में तोड़कर शुगर में बदल देती है। इसके बाद इंसुलिन हार्मोन बॉडी सेल्स से शुगर को सोखकर एनर्जी में बदल देता है। हालांकि, डायबिटीज होने पर शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है या इंसुलिन ठीक ढंग से काम नहीं करता है। इस स्थिति में ब्लड शुगर की मात्रा बेहद हाई हो जाती है और ये बढ़ा हुआ शुगर लेवल शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाने लगता है। यही वजह है कि मधुमेह यानी डायबिटीज रोगियों को खानपान पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती है और खासकर शुगर से पूरी तरह परहेज करने के लिए कहा जाता है।
अब, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज पेशेंट केला खा सकते हैं? अगर आप भी डायबिटीज रोगी हैं और आपके मन में भी ये सवाल है, तो यहां हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
मामले को लेकर सर्टिफाइड क्लिनिकल डाइटिशियन, डायबिटीज एजुकेटर और Nutr की फांउडर लक्षिता जैन बताती हैं, ‘डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अक्सर केला ना खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, केले में पोटैशियम, विटामिन सी और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं और ये मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छे हो सकते हैं। बर्शते इसे खाने का सही तरीका पता होना चाहिए।’
लक्षिता जैन के मुताबिक, मधुमेह रोगियों के लिए कच्चा केला खाना सबसे अधिक फायदेमंद हो सकता है। इससे अलग आप पका हुआ केला भी खा सकते हैं।
डायबिटीज रोगी कैसे खाएं केला?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज होने पर आप प्रतिदिन एक केला खा सकते हैं। हालांकि, क्योंकि केले में नेचुरल शुगर की मात्रा अधिक होती है, ऐसे में इसे प्रोटीन स्रोत के साथ मिलाना सबसे अच्छा है। आप स्प्राउट्स या पनीर के साथ केला खा सकते हैं।
केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51 है, इसे अन्य कम जीआई स्रोतों या प्रोटीन स्रोत के साथ खाने पर ब्लड शुगर लेवल बढ़ता नहीं है। इससे अलग बहुत अधिक पका हुआ केला खान से बचें।
इस तरह करें सही केले की पहचान
लक्षिता जैन बताती हैं, जिन केलों पर भूरे रंग के धब्बे हों, उन्हें खरीदने से बचें। केले पर ये निशान दर्शाते हैं कि केले में मौजूद स्टार्च नेचुरल शुगर में परिवर्तित हो चुका है, ज्यादा मात्रा में नेचुरल शुगर भी डायबिटीज रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है। इन कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर आप बिना सेहत को नुकसान पहुंचाए केले को डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।