महिलाओं को उम्र के अनुसार सही डाइट प्लान को फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ महिलाएं फिट रहती हैं, बल्कि उन्हें बीमारियों से भी दूर रखता है। हर उम्र में शरीर की पोषण संबंधी जरूरतें बदलती हैं और सही आहार से इन जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। महिलाओं के अंदर शारीरिक बदलाव, उम्र के अलग-अलग पड़ाव का असर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को अपनी उम्र के अनुसार सही डाइट प्लान को अपनाना और अपनी दिनचर्या में बदलाव करना बहुत ही जरूरी है।
20-30 साल की उम्र में डाइट प्लान
इस उम्र में महिलाएं पढ़ाई, करियर और निजी जीवन में व्यस्त रहती हैं। उन्हें एनर्जी और पोषण की विशेष आवश्यकता होती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इस उम्र में महिलाओं को प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन डी पर ध्यान देना चाहिए ताकि हड्डियां मजबूत रहें और शरीर को आवश्यक एनर्जी मिल सके।
- प्रोटीन- अंडा, मछली, चिकन, दालें।
- कैल्शियम और विटामिन डी- दूध, दही, पनीर।
- आयरन- हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स।
30-40 साल की उम्र में डाइट प्लान
30 की उम्र के बाद महिलाओं का मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है और हार्मोनल बदलाव भी शुरू हो सकते हैं। इस उम्र में महिलाओं को फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट्स का सेवन करना चाहिए। इस उम्र में अच्छे खानपान के साथ वजन कंट्रोल में रखना जरूरी है, जिससे हार्ट भी हेल्दी रहे।
- फाइबर- ओट्स, साबुत अनाज और हरी सब्जियों का सेवन सेहत के लिए अच्छा होगा।
- एंटीऑक्सीडेंट्स- बेरीज, ग्रीन टी और नट्स का सेवन करें।
- हेल्दी फैट्स- एवोकाडो और ऑलिव ऑयल को अपनी डाइट में शामिल करें।
40-50 साल की उम्र में महिलाओं के लिए डाइट प्लान
इस उम्र में महिलाओं के शरीर में मेनोपॉज की तैयारी होती है, जिससे हड्डियों में कमजोरी और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। ऐसी स्थिति में कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन अधिक करना चाहिए। इससे हड्डियां मजबूत रहेंगी और हार्ट की हेल्थ भी अच्छी बनी रहेगी।
- कैल्शियम और मैग्नीशियम की पूर्ति के लिए दूध, नट्स और हरी सब्जियां खाएं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए मछली और चिया सीड्स का सेवन करें।
50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं का डाइट प्लान
50 की उम्र के बाद महिलाओं को पूरी हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए। इस उम्र में लिवर, हार्ट और हड्डियों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस उम्र में शरीर को अधिक विटामिन डी, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट की जरूरत होती है। ऐसे में अपनी डाइट में विटामिन डी, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।
वहीं, अमेरिका में टुलारेमिया नाम की बीमारी ने लोगों को परेशान कर दिया है। टुलारेमिया को आम भाषा में रैबिट फीवर (Rabbit Fever) कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में रैबिट फीवर से परेशान मरीजों की संख्या में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।