डायबिटीज एक गंभीर स्थिति है, जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। इससे पीड़ित होने पर लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें फुट अल्सर सबसे आम है। दरअसल, हाई ब्लड शुगर लेवल की वजह से डायबिटीज मरीजों के घाव ठीक होने में समय लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बढ़ी हुई शुगर घाव के बैक्टीरिया को रोकने में नाकाम करने लगती है, इससे बैक्टीरिया घाव पर लेयर बना लेता है और वह भर नहीं पाता है। ऐसे में कई बार छोटी-मोटे चोटें और घावों में इंफेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है और इससे अल्सर भी हो जाता है।
मधुमेह यानी डायबिटीज में होने वाली इस तरह की समस्या को डायबिटिक फुल अल्सर (Diabetic foot ulcer) कहा जाता है। वहीं, अगर समय रहते पैरों में होने वाले इन अल्सर पर ध्यान ने दिया जाए, तो गंभीर स्थिति में पैर खराब होने की नौबत भी आ जाती है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटिक रोगियों को समय-समय पर अपने पैरों की ओर ध्यान देने और फुट अल्सर से बचाव के लिए तमाम तरह के तरीके अपनाने की सलाह देते हैं। इसी कड़ी में हम भी यहां आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप डायबिटिक फुल अल्सर के खतरे को टाल सकते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
सबसे पहले अपने शुगर लेवल पर ध्यान दें। समय-समय पर शुगर लेवल की जांच करते रहें। इसके साथ ही पैरों की स्किन मोटी होने, पैरों में दरारें नजर आने, खुजली बढ़ जाने या जलन का एहसास बढ़ने पर तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लें। बिना किसी चोट के नजर आने वाले ये लक्षण भी फुट अल्सर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपको इस तरह की परेशानी हो रही है, तो इसे लेकर एक बार जांच जरूर कराएं।
हाइजीन का रखें ख्याल
फुट अल्सर के खतरे को टालने के लिए हाइजीन सबसे जरूरी है। खासकर गर्मी के मौसम में हाइजीन पर ध्यान देना और जरूरी हो जाता है। इस मौसम में पैरों में पसीना अधिक आता है, जिससे भी अल्सर की परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में समय-समय पर साफ पानी से पैरों को धोएं और कपड़े की मदद से उन्हें पूरी तरह सुखा लें। ध्यान रहे आपको पैरों को गीला नहीं छोड़ना है। आरामदायक, अच्छी फिटिंग वाले जूते पहनें साथ ही शूज पहनते समय सोक्स जरूर पहनें और एक बार सोक्स पहनने पर उन्हें धोएं जरूर।
नाखूनों पर दें ध्यान
पैर के नाखून बढ़ने ने दें। साथ ही समय-समय पर इनकी सफाई करते रहें। नेल क्लिपर या एमरी बोर्ड जैसे सही टूल का इस्तेमाल कर पैर के नाखूनों को सीधा काटें। साथ ही अपने नेल टूल भी अलग रखें यानी दूसरों के इस्तेमाल किए गए नेल टूल का उपयोग आप न करें।
इस तरह के ट्रीटमेंट से बचें
इन सब से अलग सैलून में पेडीक्योर, फिश पेडीक्योर जैसे ट्रीटमेंट लेने से भी बचें। इनसे भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इससे अलग घर पर ही समय-समय पर पैरों की साफ-सफाई का ख्याल रखें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।