Blood Sugar Control Tips: डायबिटीज मरीजों (Diabetes Patients) के लिए ब्लड शुगर को काबू में रखना बहुत जरूरी है। शुगर लेवल बढ़ने के बाद तमाम दूसरी बीमारियों और समस्याएं शुरू हो जाती हैं। ब्लड शुगर लेवल अधिक बढ़ जाए तो मरीजों में मूड स्विंग की समस्या होने लगती है। पल भर में मरीज का मूड ठीक होता है तो दूसरे पल मरीज को गुस्सा आने लगता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि डायबिटीज को कंट्रोल और मैनेज करने के साथ-साथ मरीजों को अपनी इमोशनल हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहिए।
हाई ब्लड शुगर के मरीजों को ज्यादा दिक्कत:
नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता कहते हैं कि डायबिटीज मरीजों में मूड स्विंग एक सामान्य बात है। अगर आपका शुगर लेवल हाई है तो आपको मूड स्विंग्स होने की ज्यादा शिकायत रहेगी। ऐसी स्थिति में शुगर (Blood Sugar) को कंट्रोल करने के साथ-साथ इमोशनल हेल्थ पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक हर व्यक्ति का ब्लड शुगर रेंज (Blood Sugar Range) अल-अलग होता है। अगर अक्सर आपका मूड ठीक नहीं रहता है तो इसका कारण हाई या लो शुगर लेवल भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
हाई और लो ब्लड शुगर के लक्षण
अगर आपका ब्लड शुगर हाई (High Blood Sugar) है यानी बढ़ा हुआ है तो थकान, पसीना आना, भूख न लगना जैसी परेशानियां हो सकती हैं। वहीं दूसरी ओर लो ब्लड शुगर होने पर मरीजों में गुस्सा आना, चिड़चिड़ा होना, दुखी होना, अधिक प्यास लगना जैसी परेशानियां नजर आती हैं।
डायबिटीज मरीज मूड स्विंग पर कैसे काबू पा सकते हैं?
डॉक्टरों के मुताबिक डायबिटीज मरीजों को नियमित शुगर लेवल की मॉनीटरिंग तो करनी ही चाहिए। अगर लगातार मूड स्विंग की दिक्कत है, तो इसपर फौरन ध्यान देने की जरूरत है। आइये जानते हैं ऐस कुछ ऐसे ही टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप मूड स्विंग को कम कर सकते हैं।
- रोजाना अपना शुगर लेवल चेक करें। शुगर लेवल पर कंट्रोल रखें
- समय पर शुगर की दवाएं लें, देरी न करें
- हेल्दी डाइट को अपनाएं
- तनाव कम लें और योग व मेडिटेशन अवश्य करें
- समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहें