डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जो बॉडी को कमजोर बना देती है। डायबिटीज मरीजों की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है, इसलिये उन्हें कई दूसरी बीमारियों का खतरा भी होता है। इन्हीं में से एक है सेप्टिसीमिया (Septicemia)। सेप्टीसीमिया को आम बोलचाल में सेप्सिस (Sepsis) भी कहा जाता है। यह बैक्टीरियल संक्रमण है जो बॉडी के किसी भी हिस्से में हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक यह संक्रमण ब्लड शुगर के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

किन लोगों को सेप्टिसीमिया (Septicemia) का ज्यादा खतरा?

डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें सेप्टिसीमिया (Septicemia) का खतरा सबसे ज्यादा है। डायबिटीज के अलावा HIV, कैंसर, अपेंडिक्स और निमोनिया के मरीजों को भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और किशोरों को भी खतरा है।

सेप्टिसीमिया (Septicemia) में क्या होता है?

सेप्टिसीमिया (Septicemia) के मरीजों में इम्यून सिस्टम ब्लड में बड़े पैमाने पर केमिकल रिलीज करता है। ये रसायन सूजन को बढ़ाते हैं और अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। कई बार खून के थक्के भी बन जाते हैं। जिसके चलते आंतरिक अंगों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है।

सेप्टिक शॉक क्या है?

डॉक्टरों के मुताबिक गंभीर मामलों में सेप्सिस की वजह ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है, जिसे ‘सेप्टिक शॉक’ भी कहा जाता है। इस स्थिति में फेफड़े, किडनी और लिवर फेल हो सकता है और जानलेवा स्थिति बन सकती है।

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सेप्सिस के लक्षणों की पहचान कैसे करें:

सेप्सिस शरीर के किसी हिस्से में सकता है, इसलिए उसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। शुरुआती लक्षणों में तेजी से सांस लेना और भ्रम की स्थिति शामिल है। आइये जानते हैं कुछ और लक्षण…

  • बुखार और ठंड लगना
  • बॉडी का तापमान बहुत कम होना
  • सामान्य से कम यूरिन
  • दिल असामान्य रूप से धड़कना
  • मतली और उल्टी
  • दस्त
  • थकान या कमजोरी
  • शरीर पर चकत्ते या स्किन का रंग फीका पड़ना
  • पसीना आना
  • चिपचिपी स्किन