डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। भोजन में जरा सी भी लापरवाही उन्हें अस्पताल तक का रुख करने को मजबूर कर सकती है। यही वजह है कि अक्सर मधुमेह रोगियों के मन में रोटी से लेकर दाल, चावल, सब्जी, फल या अन्य किसी भी चीज के सेवन से पहले ये डर रहता है कि कहीं इसे खाने से उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ न जाए। खासकर चावल को लेकर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, तो क्या मधुमेह से पीड़ित लोगों को चावल खाने चाहिए? इसमें भी अधिकतर लोगों को मानना है कि डायबिटीज की मरीजों के लिए ब्राउन राइस का सेवन सफेद चावल खाने से कही ज्यादा बेहतर है। ऐसे में आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब में एक्सपर्ट का क्या कहना है-
इससे पहले बता दें कि हमारे भोजन से हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट तोड़कर ग्लूकोज में बदलता है। वहीं, हमारे पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन निकलता है, जिसकी मदद से बॉडी की सेल्स शुगर को सोख कर एनर्जी बनाती हैं, लेकिन जब शरीर में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या वह ठीक से काम नहीं करता है, तो सेल्स खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाती हैं। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
अब, बात डायबिटीज में चावल के सेवन की करें, तो कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि यकीनन चावल में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। बावजूद इसके अगर मधुमेह रोगी सीमित मात्रा में सही तरीके और सही समय पर इसका सेवन करते हैं, तो चावल उनके लिए नुकसानदायक नहीं हैं।
क्या है सही समय?
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मधुमेह रोगियों को लंबे समय तक भूखा नहीं रहना चाहिए। साथ ही भूख अधिक लगने पर सबसे पहले चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे अलग आप दिन में एक बार चावल खा सकते हैं।
क्या है सही तरीका?
अगर चावल से स्टार्च निकाल दें, तो ये डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर हो जाता है। इसके लिए आप चावल बनाने से पहले उन्हें अच्छी तरह कई बार धो लें। साथ ही कुकर में चावल न बनाकर इन्हें किसी अन्य बाउल या पैन में उबालकर बनाएं और बाद में छलनी की मदद से चावल का पानी अलग कर लें। इससे काफी हद तक चावल से स्टार्च अलग हो जाता है।
ब्राउन या व्हाइट कौनसा चावल है ज्यादा बेहतर?
इसे लेकर हाल ही में एक इंस्टाग्राम यूजर ने ‘लूज फैट, गेट फिटर’ बुक के राइटर और फिटनेस एक्सपर्ट जीतेन्द्र चौकसे से ऐसा ही एक सवाल किया। मनोज नाम के यूजर का सवाल था, ‘सर ब्राउन राइस और सफेद चावल में से किसका सेवन ज्यादा फायदेमंद है?’
वहीं, सवाल को लेकर फिटनेस एक्सपर्ट बताते है, ‘इन दोनों ही चावल में बेहद कम अंतर देखा जाता है, जिसे आप आराम से नजरअंदाज कर सकते हैं। दोनों ही चावलों में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इनमें भी सबसे पहले बात फाइबर की करें, तो 100 ग्राम सफेद चावल खाने पर आपको लगभग 1 ग्राम फाइबर मिलता है, जबकि 100 ग्राम ब्राउन राइज खाने पर आप 3 ग्राम तक फाइबर पा सकते हैं। हालांकि, ये दोनों ही आपके दैनिक फाइबर आहार की जरूरत जो कि 25 से 30 ग्राम माना जाता है, उसे पूरा नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा भले ही सफेद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्राउन राइस से ज्यादा होता है, लेकिन इन दोनों का ग्लाइसेमिक लोड बराबर है।’
जीतेन्द्र चौकसे के मुताबिक, ‘अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं, तो ग्लाइसेमिक इंडेक्स से अलग ग्लाइसेमिक लोड पर ज्यादा ध्यान देना आपके लिए फायदेमंद है। ग्लाइसेमिक लोड आपके भोजन की संख्या या मूल्य है, जो बताता है कि भोजन और उसकी मात्रा खाने के बाद किसी व्यक्ति का ग्लूकोज स्तर कैसे बढ़ाएगा। वहीं, क्योंकि बाउन और सफेद चावल दोनों का ग्लाइसेमिक लोड बराबर होता है, तो इनका असर भी आपकी बॉडी पर समान ही पड़ता है। यानी आप अपनी बिना अधिक सोचे दोनों में से किसी भी एक चावल को चुन सकते हैं, लेकिन इसमें से स्टार्च निकालकर खाएं तो अधिक बेहतर रहेगा।’
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।