High Blood Pressure: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिस तरह लोगों का वजन और शुगर लेवल बढ़ रहा है, उच्च रक्तचाप का खतरा उनमें बढ़ा है। खराब जीवन शैली से जुड़ी आम बीमारियों में से एक है उच्च रक्तचाप की समस्या। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 30 साल की उम्र के बाद लोगों को हर कुछ महीनों पर अपने रक्तचाप के स्तर की जांच करानी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट डिजीज, किडनी फेलियर, स्ट्रोक और कई दूसरी स्वास्थ्य परेशानियां भी हो सकती हैं। ऐसे में इसके स्तर पर नियंत्रण बनाए रखना जरूरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लड प्रेशर बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक मोटापा भी है। ऐसे में वजन पर नियंत्रण बनाए रखना आवश्यक है। उनके मुताबिक वजन घटाने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। डाइटरी एप्रोच टू स्टॉप हाइपरटेंशन यानी DASH डाइट मददगार साबित होता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कम फैटयुक्त डाइट जिसमें फल और सब्जियां शामिल हों तो ये हाई बीपी के स्तर पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। इस डाइट में किस तरह के और कितनी मात्रा में फूड्स खाने चाहिए, जानिये –
– 4 से 5 सब्जियां रोजाना खाएं
– 4 से 5 फल जिनमें पोटैशियम की मात्रा अधिक हो, उनका सेवन करें। जैसे कि केला, संतरा, एवोकाडो और खजूर
– 7 से 8 सर्विंग साबुत अनाज
– लो फैट या फैट फ्री डेयरी 2-3 बार
– लीन प्रोटीन, पोल्ट्री और सीफूड
– फैट और ऑयल
– नट्स, सीड्स और बीन्स
बीपी मरीज इन बातों का रखें ध्यान: ब्लड प्रेशर लेवल कंट्रोल करने के लिए लोगों का एक्टिव होना बेहद जरूरी है। रोज कम से कम 30 मिनट ब्रिस्क वॉकिंग और एरोबिक एक्टिविटी कर सकते हैं।
सोडियम की खुराक नियंत्रित रखें, वयस्कों में औसतन रोजाना 4 हजार एमजी होती है जिसे बीपी के मरीजों को कम करके 1500 से 2300 मिलीग्राम कर देना चाहिए। साथ ही, जंक फूड, अचार, पैकेज्ड फूड का सेवन कम करें।
प्याज में क्वेरसेटिन नाम के फ्लेवनॉयड मौजूद होते हैं जो बीपी लेवल कंट्रोल करने में मदद करते हैं। साथ ही, इसके प्रभाव से ब्लड वेसल्स के जरिये शरीर में खून का संचार बेहतर होता है। वहीं, लहसुन में एलिसिन पाया जाता है जो उच्च रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
साथ ही, इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो रक्तचाप बढ़ने के कारण होने वाली जटिलताओं को दूर करने में सहयोग करता है।