भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। पूरी दुनिया में अब तक करीब एक लाख लोग कोरोना वायरस के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत की बात करें तो यहां शुक्रवार (10 अप्रैल) दोपहर तक कुल पॉजिटिव केसेज की संख्या बढ़कर 6412 हो गई, इनमें से 503 मरीज ठीक हो चुके हैं।

जबकि मरने वालों की संख्या 200 पार कर गई है। दुनियाभर के वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स COVID-19 का इलाज ढूंढने में लगे हैं। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के रिसचर्स का एक ग्रुप जुएं मारने वाली दवा इवेर्मेक्टीन (Ivermectin) के जरिये कोरोना के इलाज पर काम कर रहा है।

रिसचर्स ने पाया है कि इवेर्मेक्टीन (Ivermectin) 48 घंटे के अंदर कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट (BDI) और डोहेर्टी इंस्टीट्यूट का कहना है कि Ivermectin दवा काफी तेजी से SARS-CoV-2 वायरस के प्रभाव को रोक सकती है।

यह रिसर्च ऑनलाइन जर्नल ‘एंटीवायरस रिसर्च’ में भी प्रकाशित हो चुका है। इस शोध की अगुवाई करने वाली BDI की डॉ. केली वैगस्टाफ ने कहा, ‘रिसर्च में हमने पाया है कि दवा की एक डोज ही सभी वायरल को 48 घंटे के अंदर हटा सकती है। इसके अलावा 24 घंटे में भी वायरल में काफी कमी देखी गई’।

आखिर क्या है इवेर्मेक्टीन (Ivermectin): Ivermectin एक ऐसी दवा है, जिसका 80 के दशक से जुएं आदि परजीवी (पैरासाइट्स) मारने में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस दवा का खासकर सिर के जुएं मारने वाली क्रीम व लोशन आदि में इस्तेमाल होता। इसके अलावा, इस दवा को पेट के कीड़े मारने के लिए टैबलेट के रूप में भी यूज किया जाता है। साथ दाद-खाज जैसी स्किन से जुड़ी कुछ अन्य समस्याओं में भी ये दवा यूज की जाती है।

क्या हैं Ivermectin के साइड इफेक्ट्स? : ‘Healthline’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इवेर्मेक्टीन (Ivermectin) के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। जैसे- थकान, पेट में दर्द, उल्टी, डायरिया और खुजली आदि। इसके अलावा कुछ केसेज में इस दवा से ज्वाइंट पेन और सूजन भी हो सकता है। साथ ही आंख से जुड़ी समस्या और बुखार आदि भी हो सकता है।

इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत और ब्लड प्रेशर लो होने जैसी गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं। इसलिए बगैर डॉक्टर की सलाह के इस दवा का इस्तेमाल कतई न करें। रिसचर्स ने साफ-साफ कहा है कि जब तक टेस्ट की प्रक्रिया पूरी न हो जाए तब तक कोरोना वायरस के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल कतई नहीं करना चाहिए।