डायबिटीज एक साइलेंट किलर स्थिति है, जिससे इस समय करोड़ों लोग जूझ रहे हैं। बड़ों से लेकर युवाओं और बच्चों तक को भी ये गंभीर बीमारी अपना शिकार बना रही है। ये अनुवांशिक भी हो सकती है, जिसे टाइप 1 डायबिटीज कहा जाता है। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज के पीछे हेल्थ एक्सपर्ट्स खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को अहम कारण बताते हैं।
टाइप 1 डायबिटीज की चपेट में आने पर पेंक्रियाज में हार्मोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में पेंक्रियाज में जरूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या हार्मोन ठीक से काम नहीं करता है। इन दोनों ही स्थिति में बॉडी सेल्स खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाती हैं, जिससे बल्ड में शुगर की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है और ये बढ़ा हुआ शुगर लेवल धीरे-धीरे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने लगता है।
वहीं, अगर आप भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, हालांकि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे मधुमेह यानी डायबिटीज की स्थिति भी कंट्रोल में रहती है। इसी कड़ी में यहां हम आपको एक ऐसे खास चूर्ण के बारे में बता रहे हैं, जो शुगर लेवल कंट्रोल रखने में आपकी मदद कर सकता है।
ऐसे बनाएं ये खास चूर्ण
इसके लिए आपको एक चम्मच मेथी दाना को पीसकर बारीक पाउडर तैयार कर लेना है। इसके बाद इसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच सूखे हुए आंवले के पाउडर को मिला लेना है। इतना करने पर आपका चूर्ण बनकर तैयार हो जाएगा। इसका दिन में दो बार, सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से हाई ब्लड शुगर की स्थिति पर काफी हद तक काबू पाने में मदद मिल सकती है।
कैसे पहुंचाता है फायदा?
मेथी दाना
कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि मेथी दाना में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर सकते हैं। साथ ही इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
हल्दी
साल 2013 में हुई एक स्टडी के नतीजे बताते हैं कि हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने के साथ-साथ मधुमेह से संबंधित अन्य जटिलताओं को भी कम कर सकता है। ये शरीर में सूजन पैदा करने वाले कुछ एंजाइमों के प्रभाव को रोकता है और शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करता है, जिससे पीड़ित को राहत मिलती है।
आंवला
इन सब के अलावा बात आंवला की करें, तो इसे भी मधुमेह की स्थिति पर बेहद असरदार माना जाता है। आंवला में क्रोमियम (Chromium) होता है, जो भी कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित करता है और बॉडी को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इन सब के अलावा आंवला में मौजूद विटामिन सी भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मददगार माना जाता है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।