सर्दी का मौसम अपने चरम पर है। कपड़ों की कई लेयरिंग के बाद भी घर से बाहर कदम रखने पर ठिठुरन का एहसास हो रहा है। ऐसे में खासकर बच्चे तापमान गिरने पर खांसी-जुकाम से परेशान रहने लगते हैं। वहीं, एक बार ये बीमारी बच्चे को पकड़ ले, तो उन्हें बार-बार इसका सामना करना पड़ता है। इसी कड़ी में मां-बाप हल्की सर्दी पड़ते ही बच्चों को इन परेशानियों से दूर रखने के लिए तमाम तरह के घरेलू नुस्खे अपनाने लगते हैं। इन्हीं नुस्खों में से एक है सर्दी के मौसम में बच्चों को रम या ब्रांडी देना।

आमतौर पर भारतीय घरों में छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी होने पर डॉक्‍टर के पास ले जाना कम ही जरूरी समझा जाता है। इससे अलग बड़े-बुजुर्ग तरह-तरह के उपाय अपनाकर घर पर ही उनका इलाज करने में जुट जाते हैं। इसी के चलते कई लोग सर्दी-खांसी होने पर छोटे बच्‍चों को दवा के रूप में 4 चम्मच गर्म पानी के साथ कुछ बूंदें या एक ढक्कन ब्रांडी या रम पिला देते हैं। कहा भी जाता है कि शराब की कुछ बूंदें दवा के समान हैं और ये किसी भी अन्य दवा से पहले और बेहतर असर करती हैं। साथ ही इससे छोटे बच्चों की खांसी बेहद जल्द ठीक हो जाती है। इसी सोच के साथ कुछ लोग बच्चों के सीने पर एल्‍कोहॉल की कुछ बूंदे मल भी देते हैं। वहीं, अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं और अक्सर बच्चों को दवा के रूप में इस तरह एल्‍कोहॉल देते आए हैं, तो ये आर्टिकल आप ही के लिए है।

दरअसल, हाल ही में पीडियाट्रिशियन सुशांता पाई चौहान ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर बच्चों को रम या ब्रांडी देने के इस नुस्खे को उनकी सेहत से खिलवाड़ करना बताया है। डॉक्टर के मुताबिक, अगर आप बेहद कम मात्रा में भी छोटे बच्चों को एल्‍कोहॉल देते हैं, तो भी ये उनके भविष्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

किस तरह पहुंचाती है नुकसान?

वीडियो में जानकारी देते हुए डॉक्‍टर बताती हैं, ‘रम में 50-70% एल्‍कोहॉल की मात्रा होती है, जबकि ब्रांडी में 40-60% एल्‍कोहॉल पाई जाती है। अब, आप चाहे कितनी भी कम मात्रा में बच्चों को ये देते हैं, तो इससे उनके मस्तिष्‍क के विकास में रुकावट या बाधा पैदा हो सकती है। इसकी वजह से भविष्य में बच्चे को बाकी बच्चों के मुकाबले आसान चीजों को समझने में कठिनाई हो सकती है, इससे उनके सोशल डेवलपमेंट पर भी बेहद खराब असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, कम उम्र में एल्‍कोहॉल का सेवन बच्चों की हड्डियों को भी बेहद कमजोर बना सकता है, साथ ही ऐसा करने पर बच्चों को शराब की लत भी लग सकती है। यानी आपका ये नुस्खा कई तरह से मासूम को प्रभावित कर सकता है।’

इससे अलग डब्‍ल्‍यूएचओ (World Health Organization) भी कई बार बच्चों को सर्दी-खांसी की दवा के रूप में एल्‍‍कोहॉल वाले पेय पदार्थ देने को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है। डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक, शराब टॉक्सिक है, इसके सेवन का कोई भी स्‍तर सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है। खासकर कम उम्र में इसकी एक-दो बूंद भी कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए जिम्‍मेदार हो सकती हैं। ऐसे में आप चाहे कुछ बूंदें ही देते हैं लेकिन ये भी बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर बेहद खराब असर डाल सकती हैं, इसके अलावा बच्‍चे को जीवनभर के लिए जानलेवा बीमारी उपहार में दे सकती हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।