डायबिटीज के मरीजों के लिए हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचाता है। डायबिटीज के मरीज डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करें जिनका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहे। कुछ फूड्स ऐसे हैं जिनका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है।
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर सलाह दी जाती हैं कि वो डाइट में चावल और आलू का सेवन करने से परहेज करें। क्योंकि चावल और आलू में अधिक कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होती है जो ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ाते है। आलू और चावल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शुगर को बढ़ा सकता है। इसका सेवन करने से वजन भी तेजी से बढ़ता है।
लेकिन आप जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज भी आलू और चावल का सेवन कर सकते हैं। लाइफस्टाइल कोच ल्यूक कॉटिन्हो ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर बताया है कि अगर आप खाना पकाने के सही तरीके को अपनाए तो डायबिटीज के मरीज भी इन दोनों फूड्स का सेवन कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज कैसे आलू और चावल का सेवन करके करें कि शुगर कंट्रोल रहे।
आलू और चावल का कैसे सेवन करें कि शुगर कंट्रोल रहे:
एक्सपर्ट ने बताया कि अगर डायबिटीज के मरीज चावल और आलू का सेवन करना चाहते हैं तो चावल और आलू को पकाएं और उन्हें 8-10 घंटे तक फ्रिज में ठंडा करें और फिर उसका सेवन करें। एक्सपर्ट के मुताबिक ठंडा करने से आलू और चावल जैसे खाद्य पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है, जिससे पाचन और अवशोषण में देरी होती है। ठंडा करने पर इन फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक चावल और आलू का सेवन ठंडा करके करने से छोटी आंत में स्टार्च के शर्करा में टूटने का प्रतिरोध (resistant) होता है और बड़ी आंत में चला जाता है।
कोटीनो कहते हैं कि यहां फर्मेंटेशन होता है जिससे आंत में पाए जाने वाले गुड बैक्टीरिया को भोजन मिलता है और उससे शॉर्ट चेन फैटी एसिड बनता है। शॉर्ट चेन फैटी एसिड टूटकर बूटायरेट में बदल जाता है जो आंत को मजबूत बनाता है और गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। इससे आंत में सूजन भी नहीं होती।
इन विशेषताओं के कारण, प्रतिरोधी स्टार्च (resistant starch)के फायदे हैं।
- इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
- खाने के बाद भूख शांत रहती है।
- इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है।
- एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है।
- खनिजों के अवशोषण में सुधार करता है।
- लिवर फंक्शन को बूस्ट करता है।
प्रतिरोध स्टार्च आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिसका अर्थ है कि अच्छे बैक्टीरिया में वृद्धि होती है जो कब्ज के स्तर को कम करने में मदद करती है। यह इंसुलिन में सुधार करता है। इंसुलिन प्रतिरोध और इसके साथ होने वाली पुरानी बीमारियों जैसे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम होता है।