डायबिटीज एक ऐसी साइलेंट किलर बीमारी है, जो एक बार किसी को अपना शिकार बना ले तो इसे कंट्रोल करना बहुत चुनौती पूर्ण हो जाता है। हाई ब्लड शुगर होने से यह धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करने लगती है और कई बीमारियों का कारण भी बन जाती है। डायबिटीज होने के बाद डेली रूटीन के खानपान में कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। भारतीय घरों में इडली और डोसा जैसी डिशेज नाश्ते की बहुत पसंद की जाती हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज के मरीज इन्हें खा सकते हैं?
किम्स हॉस्पिटल, ठाणे की चीफ डाइटीशियन डॉ. गुलनाज शेख ने बताया कि डायबिटीज के मरीज भी इडली और डोसा खा सकते हैं, लेकिन सही मात्रा और समझदारी के साथ ही इन्हें खाना चाहिए। एक्सपर्ट से मुताबिक, डायबिटीज मरीजों को इडली या डोसा पूरी तरह छोड़ने की जरूरत नहीं है। सही मात्रा, प्रोटीन-फाइबर युक्त साइड डिश और हेल्दी कुकिंग के साथ यह नाश्ता ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हुए दिन की शुरुआत का स्वादिष्ट और पौष्टिक विकल्प हो सकता है।
डायबिटीज मरीज इडली और डोसा खा सकते हैं या नहीं?
इडली और डोसा दोनों ही फर्मेंटेड चावल और दाल से बनाए जाते हैं। इस वजह से ये हल्के, आसानी से पचने वाले और पोषण से भरपूर होते हैं। डॉ. शेख के अनुसार, सीमित मात्रा में और सही साइड डिश के साथ इन्हें खाना डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित और हेल्दी हो सकता है। डॉ. शेख बताती हैं कि पारंपरिक इडली और डोसा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। ज्यादा खाने पर ये ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसलिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं। हालांकि, जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल बार-बार बढ़ता है या जिन्हें पोस्ट-मील स्पाइक्स यानी खाने के बाद शुगर का अचानक बढ़ने की समस्या है, उन्हें खासतौर पर मात्रा पर ध्यान देना चाहिए।
प्रोटीन युक्त साइड डिश लें
इडली या डोसा के साथ सांभर, अंकुरित अनाज का सलाद या थोड़ी मात्रा में नारियल की चटनी लें। प्रोटीन और फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करते हैं, जिससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता। वहीं, फ्राइड वेरिएंट से बचें चाहिए, क्योंकि घी में तली या मसालेदार मसाला डोसा ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा बैटर में कम तेल और तवे पर हल्का सा तेल इस्तेमाल करें।
इडली और डोसा के फायदे
इडली और डोसा में मौजूद फर्मेंटेशन प्रक्रिया आंतों की सेहत के लिए लाभकारी है। फर्मेंटेशन से पोषक तत्वों की बायोएवेलिबिलिटी यानी शरीर में अवशोषित होने की क्षमता बढ़ती है। सांभर में दाल और सब्जियां होती हैं, जो प्रोटीन और फाइबर प्रदान करती हैं। फाइबर ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है और लंबे समय तक एनर्जी देता है। इडली और डोसा हल्के और आसानी से पचने वाले होते हैं, जिससे सुबह का नाश्ता पौष्टिक और संतुलित बनता है।
वहीं, एसिडिटी, गैस और पेट फूलने की समस्या को आम मानकर अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि लंबे समय तक ऐसा होना सेहत के साथ-साथ पेट के कैंसर का कारण बन सकता है।