सिटी स्कैन जिसे Computed Tomography Scan कहा जाता है। ये एक खास तरह की इमेजिंग तकनीक है जो शरीर के अंदरूनी अंगों, हड्डियों, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं की विस्तृत और स्पष्ट तस्वीरें लेने के लिए उपयोग की जाती है। इस तकनीक का सहारा इमरजेंसी में, बायोप्सी से पहले या कैंसर स्टेजिंग में सबसे ज्यादा किया जाता है। सिटी स्कैन X-ray की तुलना में कहीं ज्यादा डिटेल और स्पष्ट जानकारी देता है। बीमारियों को समझने में और इलाज को आसान बनाने में सिटी स्कैन का अहम किरदार है, लेकिन एक नई रिसर्च ने सबको हैरान कर दिया है। रिसर्च के मुताबिक CT स्कैन से कैंसर का खतर बढ़ता है। रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में CT स्कैन से 1 लाख से ज्यादा कैंसर के नए मामले हो सकते हैं।
रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में किए गए CT स्कैन भविष्य में लगभग 1,03,000 कैंसर मामलों का कारण बन सकते हैं, जो कि सभी नए कैंसर मामलों के लगभग 5% होंगे। रिसर्च में शामिल लेखकों का अनुमान है कि 2023 में किए गए 93 मिलियन स्कैन से कैंसर बढ़ सकता हैं। यह स्टडी JAMA Internal Medicine में प्रकाशित हुई है। आइए जानते हैं कि सिटी स्कैन कैसे कैंसर का कारण बनता है और इससे कौन-कौन से कैंसर का खतरा ज्यादा है, किन लोगों को इससे ज्यादा खतरा है।
सिटी स्कैन कैसे कैंसर का कारण बनता है?
CT स्कैन में इस्तेमाल होने वाली आयोनाइजिंग रेडिएशन (Ionizing Radiation) कैंसर का कारण बनती है। इसी रेडिएशन का इस्तेमाल X-ray में भी होता है,लेकिन CT स्कैन में इसकी मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। सिटी स्कैन में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन शरीर की कोशिकाओं (cells) के DNA को नुकसान पहुंचा सकती है। DNA को नुकसान पहुंचने पर कभी-कभी कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं जो कैंसर की शुरूआत हो सकती है। हमारी बॉडी DNA को ठीक कर सकती है लेकिन बहुत ज्यादा और कई बार रेडिएशन के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है।
मणिपाल हॉस्पिटल, बेंगलुरु में सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट,डॉ. माधवी नायर ने बताया अमेरिका में इस तकनीक का उपयोग भारत की तुलना में अधिक है। भारत में जब तक यह आवश्यक न हो, डॉक्टर CT स्कैन से बचते हैं। CT स्कैन अधिक डिटेल जानकारी देता है, इसलिए इसकी रेडिएशन डोज़ ज़्यादा होती है। एक्सपर्ट ने बताया एक CT स्कैन से नुकसान नहीं, लेकिन बार-बार सिटी स्कैन होने पर कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ता है।
सिटी स्कैन से कौन-कौन से कैंसर का बढ़ता है खतरा?
- फेफड़ों का कैंसर
- आंत का कैंसर
- ल्यूकेमिया
- ब्लैडर का कैंसर
- ब्रेन ट्यूमर
- महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है अधिक।
किन लोगों को है खतरा ज्यादा
- गर्भवती महिलाएं और भ्रूण को रेडिएशन से खतरा होता है इसलिए प्रेग्नेंसी में महिलाएं बचाव करें।
- जिन्हें बार-बार इमेजिंग की जरूरत पड़ती है, उन्हें अल्ट्रासाउंड या MRI जैसे विकल्प अपनाने चाहिए।
- जिन लोगों को आयोडीन कॉन्ट्रास्ट डाई से एलर्जी है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं।
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