थॉयराइड एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। थॉयराइड की बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है। महिलाओं के इस बीमारी के चपेट में आने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे तनाव में ज्यादा रहना,हॉर्मोनल असंतुलन और बॉडी में होने वाले बदलाव की वजह से महिलाएं इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आती हैं। अक्सर देखा गया है कि थॉयराइड से पीड़ित महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं।
अपोलो फर्टिलिटी ब्रुकफील्ड में वरिष्ठ सलाहकार, प्रजनन एवं आईवीएफ डॉ. संगीता आनंद ने बताया कि थायरॉयड ग्रंथि और प्रजनन क्षमता के बीच गहरा संबंध है। थायरॉयड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म, मनोदशा और प्रजनन क्षमता सहित विभिन्न शारीरिक कार्यों को विनियमित करने के लिए जरूरी हार्मोन का उत्पादन करती है। एक्सपर्ट के मुताबिक हाइपोथायरायडिज्म का असर प्रजनन क्षमता पर खास प्रभाव डाल सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों ही प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डाल सकते हैं। नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, इंदौर की प्रजनन सलाहकार डॉ कल्याणी श्रीमाली ने बताया कि हाइपोथायरायडिज्म की वजह से अनियमित पीरियड,ओव्यूलेशन की कमी और प्रेग्नेंट होने में कठिनाई हो सकती है। जबकि हाइपरथायरायडिज्म पीरियड साइकिल पर असर डालता है, इसमें प्रारंभिक गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
थायराइड और आपकी प्रजनन क्षमता के बीच क्या संबंध है?
थायराइड हार्मोन पीरियड साइकिल, ओव्यूलेशन और गर्भाशय की परत के विकास को प्रभावित करता हैं। थायराइड हार्मोन में असंतुलन इन प्रक्रियाओं को बाधित कर सकता है, जिससे अनियमित पीरियड,ओव्यूलेशन की कमी और गर्भाशय की कार्यप्रणाली में बदलाव हो सकता है। अगर आपको थायरॉयड है तो आप अपनी जीवनशैली में बदलाव करके प्रजनन संबंधी समस्याओं से खुद को बचा सकते हैं? आपको थायराइड की समस्या है और आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, तो लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके आप इस परेशानी से उभर सकती हैं।
दवाई का सेवन करें और मॉनिटरिंग करें
यदि आपको थायरॉइड डिसफंक्शन का निदान किया गया है, तो आप थायराइड की दवा का सेवन करें। दवाई का इस्तेमाल थायराइड हार्मोन के स्तर को सामान्य करने में मदद कर सकता है। थॉयराइड को समय-समय पर चेक करें।
डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करें
संतुलित डाइट का सेवन करें। डाइट में पर्याप्त आयोडीन और सेलेनियम वाला संतुलित आहार शामिल करें, थायरॉइड फ़ंक्शन में सुधार हो सकता है। हालत में सुधार लाने के लिए आप पोषण विशेषज्ञ या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से सलाह लें। थॉयराइड की शिकार महिलाएं सोया उत्पादों का सेवन करने से बचें। समुद्री भोजन, समुद्री शैवाल और आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें ताकि बॉडी में आयोडीन का बैलेंस बना रहे। फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए महिलाएं डाइट में आयोडीन और अन्य प्रजनन-बढ़ाने वाले पोषक तत्वों को शामिल करें।
तनाव से दूर रहें
थॉयराइड से पीड़ित महिलाएं तनाव से दूर रहें। तनाव का ज्यादा स्तर थायराइड को प्रभावित कर सकता है और पीरियड साइकिल को भी बिगाड़ सकता है। तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान और रिलेक्सेशन तकनीक जैसे अभ्यास मदद कर सकते हैं। पर्याप्त नींद लें,हर रात 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
रेगुलर एक्सरसाइज करें
रेगुलर एक्सरसाइज करें और वजन को कंट्रोल करें। रेगुलर एक्सरसाइज करने से बॉडी एक्टिव रहती है जिसका पॉजिटिव असर प्रजनन क्षमता और थायराइड पर पड़ता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन महिलाओं की प्रजनन क्षमता और थायराइड पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इन आदतों को कम करना या ख़त्म करना ठीक है।
