वॉक करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। रोजाना आधा घंटे की वॉक ना सिर्फ आपके वजन को कंट्रोल करती है बल्कि आपकी ओवर ऑल सेहत भी दुरुस्त करती है। आप जानते हैं कि रोजाना तेज रफ्तार से अगर वॉक की जाए तो डायबिटीज के जोखिम से बचा जा सकता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च के मुताबिक आप कितनी देर वॉक करते हैं इससे कहीं ज्यादा मायने रखता है कि आप किस रफ्तार से वॉक करते हैं। वॉक करने की गति आपको डायबिटीज के जोखिम से बचा सकती है।

मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल कहते हैं अगर हफ्ते में 5-6 दिनों तक 30-45 मिनट तक तेज रफ्तार से वॉक की जाए तो डायबिटीज के रिस्क को टाला जा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर प्री डायबिटीज मरीज वजन कंट्रोल करें और तेज रफ्तार से वॉक करें तो डायबिटीज से बच सकता है।

प्री डायबिटीज मरीज अगर वजन को कंट्रोल करें, तनाव से दूर रहें,योगा मेडिटेशन करें तो आसानी से ब्लड शुगर के जोखिम को टाल सकते हैं। आइए जानते हैं कि रिसर्च के मुताबिक किस रफ्तार से वॉक करें कि ब्लड शुगर का जोखिम कम हो और डायबिटीज मरीजों की ब्लड शुगर भी रहे कंट्रोल।

रिसर्च के मुताबिक किस रफ्तार से वॉक करें कि ब्लड शुगर का जोखिम कम रहे

विशेष रूप से 4 किमी/घंटा या उससे अधिक रफ्तार से चलने से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम काफी कम हो जाता है। रिसर्च के मुताबिक 4 किमी/घंटा से ऊपर चलने की गति से डायबिटीज के जोखिम में नौ प्रतिशत की कमी आती है। रिसर्च में चलने की गति की तुलना करते हुए पाया गया है कि 3-5 किमी/घंटा की औसत गति से चलने से डायबिटीज का जोखिम 15 प्रतिशत कम हो जाता है। रिसर्च के मुताबिक चलने की तेज गति डायबिटीज के स्तर को तेजी से प्रभावित करती है।

उदाहरण के लिए 5-6 किमी/घंटा की गति से चलने से 24 प्रतिशत तक डायबिटीज का जोखिम कम होता है, और 6 किमी/घंटा से अधिक की गति से चलने पर डायबिटीज होने का जोखिम 39% कम होगा। इस रिसर्च के मुताबिक वॉक से ज्याद चलने की गति मायने रखती है। चलने की गति टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करती है भले ही आप कम समय तक ही वॉक क्यों नहीं करें।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में एंडोक्रिनोलॉजी में वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. ऋचा चतुर्वेदी कहती हैं कि तेज़ चलने की गति बेहतर कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस और मांसपेशियों की सेहत से जुड़ी है। एक्सपर्ट के मुताबिक तेज चलने से वजन घटाने में भी मदद मिलती है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है। यह रिसर्च डायबिटीज की रोकथाम में चलने की गति की अहम भूमिका को दर्शाती है।

वॉक के साथ ही डाइट का भी रखें ध्यान

डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि अगर आप डायबिटीज के जोखिम से बचना चाहते हैं तो एक्सरसाइज के साथ ही डाइट का भी ध्यान रखें। डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जिनमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो और कार्बोहाइड्रेट कम हो। सीजनल सब्जियों और फलों का सेवन करें। अनाज में साबुत अनाज का सेवन डायबिटीज को कंट्रोल करता है। तनाव डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकता है इसलिए आप तनाव को दूर करें। आप तनाव को दूर करने के लिए रेगुलर योग और एक्सरसाइज करें। लाइफस्टाइल में बदलाव करें। रात को समय पर सोएं और समय पर जागे।