डायबिटीज एक क्रानिक डिसीस है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है। खराब खानपान और जीवनशैली के कारण होने वाली इस बीमारी की चपेट में बुजुर्गो से लेकर युवा भी आ रहे हैं। बता दें कि बॉडी में जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद कर देता है तो इसके कारण खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। शरीर में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने के कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा भी बढ़ जाता है।

इसके अलावा खून में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से आंखों की रोशनी धुंधली होना, बार-बार पेशाब जाना, अधिक प्यास लगना, सिर दर्द, ध्यान केंद्रित ना कर पाना और वजन घटना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में डायबिटीज से ग्रस्ति मरीजों को सबसे ज्यादा अपना ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की जरूरत होती है। इसके अलावा भी कई ऐसे लक्षण हैं, जो डाबिटीज के मरीजों के त्वचा पर आसानी से दिखाई देते हैं।

काले धब्बे: ज्यादातर मधुमेह के रोगियों की त्वचा पर काले धब्बे दिखाई देते हैं। मुख्यत: यह धब्बे गर्दन और अंडरआर्म्स के पास दिखाई देते हैं और छूने पर यह मखमल की तरह महसूस होते हैं। बता दें, त्वचा पर काले धब्बे आना प्री-डायबिटिक लक्षण हैं, जिसे मेडिकल टर्म में एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स कहा जाता है। यह काले धब्बे हाई ब्लड शुगर लेवल की ओर इशारा करते हैं।

लाल, पीले और भूरे रंग के धब्बे: त्वचा पर अधिक खुजली और दर्द होना भी मधुमेह की शुरुआती लक्षणों में से एक है। बहुत से लोगों को अपनी स्किन पर लाल, पीले या भूरे रंग के पिंपल जैसे धब्बे नजर आने लगते हैं। मेडिकल भाषा में इसे नेक्रोबायोसिस लिपोडिका कहा जाता है और यह डायबिटीज से पहले का एक अन्य लक्षण है। अगर आपको अपनी त्वचा पर ऐसे धब्बे दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

घाव का धीमे भरना: जब शरीर में रक्त शर्करा का स्तर हाई हो जाता है, तो इसके कारण कई समस्याएं होने लगती हैं। हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण नर्व्स डैमेज हो जाती हैं, जिससे घाव को भरने में काफी मुश्किल होती है। इस तरह की समस्या को डायबिटीक अल्सर कहा जाता है।