Sars Virus: चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ सार्स वायरस (sars virus) पूरे विश्व में अपने पैर पसार रहा है। एशिया के जापान, थाईलैंड और साउथ कोरिया के बाद भारत में भी इसके संदिग्ध मामले पाए गए हैं। ये सभी पीड़ित चीन से कुछ समय पहले ही लौटे हैं। हिंदुस्तान में छपी एक खबर के अनुसार चीन में लगभग 2454 लोग इस वायरस से पीड़ित हैं जबकि विश्व भर में सार्स वायरस के 2504 मामले सामने आए हैं।
देश के अलग-अलग शहरों में मिले हैं संदिग्ध: बिहार के सारण जिले में एक लड़की में इस वायरस के पाए जाने की आशंका है। चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही यह युवती कुछ समय पहले ही अपने घर लौटी है। इसके अलावा दिसंबर में चीन से केरल लौटे लगभग 179 लोग भी अपने घर में निगरानी के अंदर रखे गए हैं। इनमें से चार लोगों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। वहीं, जयपुर में भी एक युवक के सार्स वायरस से पीड़ित होने की आशंका जताई गई है।
क्या जानलेवा है ये वायरस?: वैज्ञानिकों के अनुसार वुहान शहर से फैला ये वायरस पशुओं के माध्यम से इंसानों में आया है। यह कोरोनावायरस का ही एक प्रकार है, जिससे लोगों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोनावायरस 6 अलग-अलग वायरसों का समूह था जो इस नए वायरस के आने के बाद 7 हो गया है। हालांकि यह वायरस कितना खतरनाक है इसका खुलासा वैज्ञानिकों ने अब तक नहीं किया है।
सार्स वायरस के लक्षण- इस वायरस से पीड़ित लोगों को आमतौर पर खांसी-जुखाम के साथ ही बुखार की भी शिकायत हुई है। सार्स वायरस के वजह से लोग निमोनिया के शिकार भी हो रहे हैं जिसके बाद किसी भी तरह के एंटीबॉयटिक उपचार उनके काम नहीं आता। इसके अलावा सांस लेने में परेशानी और गले में खराश भी इस वायरस से पीड़ित होने के लक्षण हो सकते हैं।
बचाव है जरूरी- विश्व भर में सार्स वायरस के प्रकोप को देखते हुए कई देशों ने इसके लिए अलर्ट जारी किया है। भारत में भी हेलथ डिपार्टमेंट ने एडवाइजरी जारी की है, साथ ही लोगों को सावधान करने का काम भी कर रही है। अपने आसपास साफ-सफाई का खास ख्याल रखें जिससे की आपके संक्रमित होने की कम संभावना होगी। हालांकि इस वायरस से बचने के लिए अभी तक किसी तरह का वैक्सीन नहीं आया है पर लगातार खांसी, बुखार रहने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।