महिलाओं की लाइफ में नियमित पीरियड्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं को करीब 12 साल की उम्र के बाद से पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं और लगभग 40 से 45 की साल की उम्र तक यह सिलसिला जारी रहता है। आमतौर पर पीरियड्स 4 से 7 दिन तक चल सकते हैं। इसके पीरियड फ्लो का सही होना, सेहत के लिए बहुत जरूरी है। कई महिलाओं को पीरियड फ्लो बहुत कम आता है या बहुत हैवी पीरियड्स होते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि, हैवी पीरियड्स होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पीरियड फ्लो महिलाओं की सेहत के बारे में काफी कुछ बताता है। कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, नवी मुंबई में स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. रेणुका बोरिसा ने बताया कि हैवी पीरियड और ऐंठन से राहत देने के लिए शहतूत बहुत ही असरदार हो सकता है।

डॉ. रेणुका बोरिसा ने बताया कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं लीकेज से बचने, कम्फर्टेबल रहने और अपने डेली रूटीन के काम को आराम से करने के लिए पैड्स, टैंपून या मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन कई महिलाओं को पीरियड फ्लो हैवी और ऐंठन होती है। ऐसे में पीरियड फ्लो को मैनेज करना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि पीरियड्स फ्लो का ऊपर नीचे होने कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती है।

शहतूत के पोषक तत्व

शहतूत को अंग्रेजी में मलबेरी (Mulberry) कहा जाता है, पोषक तत्वों से भरपूर फल है। शहतूत कैल्शियम, फाइबर, विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट्स का खजाना माना जाता है। हैवी पीरियड्स को मैनेज करने के साथ-साथ ये सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।

हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है

प्रेगनेंसी के दौरान और प्रसव के बाद ज्यादातर महिलाएं खून की कमी का सामना करती हैं। शहतूत में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए जाना जाता है। गर्मियों के आहार में शहतूत जरूर शामिल करने चाहिए। इससे हैवी पीरियड से राहत मिलती है।

हैवी पीरियड्स और ऐंठन से राहत

शहतूत में फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो यूटेरस की सूजन और मांसपेशियों के खिंचाव को कम करते हैं। आयरन की मात्रा अच्छी होने के कारण खून की कमी से बचाता है, जो हैवी पीरियड में जरूरी होता है। सुबह खाली पेट 1 मुट्ठी ताजे शहतूत खाएं या शहतूत का जूस बिना चीनी पी सकते हैं।

हार्मोनल असंतुलन में मददगार

शहतूत में पाए जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजेन और विटामिन C हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं। ये PCOS और थायराइड से जूझ रही महिलाओं के लिए फायदेमंद है।

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