आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्दी और फिट रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। खराब खानपान, घंटों बैठकर काम करना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी से लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में वॉकिंग को सबसे आसान और असरदार एक्सरसाइज माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंगे पैर या जूते पहनकर चलना, कौन सी तकनीक ज्यादा फायदेमंद है? बता दें कि फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स, डॉक्टर और रिसर्च इस विषय पर अलग-अलग राय रखते हैं। तो चलिए कोलकाता के CMRI के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अयान रॉय से जानते हैं कि दोनों के फायदे-नुकसान क्या हैं और आपके लिए कौन सा विकल्प सही हो सकता है।

नंगे पैर चलने के फायदे

नंगे पैर चलना शरीर के प्राकृतिक मूवमेंट को बढ़ावा देता है। जब हम बिना जूते के चलते हैं, तो पैर की छोटी-छोटी मांसपेशियां और लिगामेंट्स ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। कोलकाता के CMRI के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अयान रॉय के मुताबिक, नंगे पैर चलने से बैलेंस और स्थिरता बेहतर होती है, क्योंकि पैरों को जमीन का सीधा अहसास मिलता है।

रिसर्च बताती है कि नंगे पैर चलने से चाल (गेट) सुधरती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जर्नल ऑफ इंफ्लामेशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना कुछ समय जमीन पर नंगे पैर चलने से शरीर में सूजन यानी इंफ्लामेशन कम हो सकती है। यही वजह है कि घास, मिट्टी या रेत पर नंगे पैर चलना तनाव कम करने में मददगार माना जाता है। इसके अलावा, बुजुर्गों में नंगे पैर चलना बैलेंस रिकवरी के लिए भी फायदेमंद पाया गया है। हालांकि, ध्यान रखने वाली बात यह है कि लंबे समय तक नंगे पैर रहने से पैरों पर दबाव बढ़ सकता है। हमारे पैरों में एक नेचुरल आर्च होता है, जो शरीर के वजन को संतुलित करता है। अगर सतह सही न हो, तो यह आर्च प्रभावित हो सकता है।

नंगे पैर चलने में सावधानी जरूरी

नंगे पैर चलना हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता। जिन लोगों को डायबिटीज, न्यूरोपैथी, फुट डिफॉर्मिटी या पुरानी चोट की समस्या है, उन्हें इससे बचना चाहिए। गंदी या पथरीली सतह पर नंगे पैर चलने से कटने-छिलने और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप नंगे पैर चलना चाहते हैं, तो साफ और सुरक्षित जगह चुनें और धीरे-धीरे इसकी आदत डालें।

जूते पहनकर चलने के फायदे

आजकल के वॉकिंग शूज सिर्फ स्टाइल के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा और सपोर्ट के लिए डिजाइन किए जाते हैं। अच्छे जूते पैरों को चोट, गंदगी और बैक्टीरिया से बचाते हैं। साथ ही, वे पैरों के आर्च को सही सपोर्ट देते हैं और चलते समय लगने वाले झटकों को कम करते हैं। जूते पहनकर चलने से पैरों पर दबाव समान रूप से बंटता है, जिससे स्ट्रेस फ्रैक्चर, टेंडन इंजरी और घुटनों के दर्द का खतरा कम होता है। जिन लोगों को फ्लैट फीट, आर्थराइटिस या प्लांटर फेशियाइटिस की समस्या है, उनके लिए सही जूते बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। बाहर सड़क, पार्क या ट्रैक पर वॉक करने वालों के लिए जूते पहनना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।

नंगे पैर या जूते पहनकर चलना, कौन सा विकल्प बेहतर?

यह पूरी तरह आपकी उम्र, सेहत और जरूरतों पर निर्भर करता है। अगर आप मसल स्ट्रेंथ, बैलेंस और नेचुरल मूवमेंट सुधारना चाहते हैं, तो सीमित समय के लिए नंगे पैर चलना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन इसे धीरे-धीरे अपनाना जरूरी है। वहीं, अगर आप बाहर वॉक करते हैं, आपको पैरों में दर्द या कोई मेडिकल समस्या है, तो जूते पहनकर चलना बेहतर और सुरक्षित विकल्प है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि दोनों का संतुलन बनाएं, घर या घास पर थोड़ी देर नंगे पैर चलें और बाहर निकलते समय सही फिट वाले जूते पहनें।

निष्कर्ष

नंगे पैर और जूते पहनकर चलना, दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। जरूरी यह है कि आप अपने शरीर की जरूरतों को समझें और उसी हिसाब से फैसला लें। इस बात का ध्यान रखें कि सही तरीका वही है जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाए बिना आपको फिट रखे।

डिस्क्लेमर

यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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