डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल करने के लिए डाइट पर कंट्रोल करना जरूरी है। डायबिटीज मरीज डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें और प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल करें तो आसानी से अपने ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीज मरीजों के लिए फलों का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। फलों का सेवन करने से मीठा खाने की क्रेविंग कंट्रोल रहती है और बॉडी को पर्याप्त पोषण भी मिलता है। डायबिटीज मरीज कुछ फलों का सेवन बेहद सोच समझकर करते हैं। फलों में केला ऐसा है जिसे डायबिटीज मरीज खाने से डरते हैं। हालांकि डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए केला पूरी तरह से मना नहीं है, लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर डायबिटीज मरीज केला खा सकते हैं तो वो कच्चा केला खाएं या पका हुआ। किस तरह के केले का सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है।

डायबिटीज स्पेशलिस्ट और फिटनेस कोच डॉ. अनुपम घोष ने बताया डायबिटीज मरीज भी केले का सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए केला पूरी तरह से वर्जित नहीं है। डायबिटीज मरीज केला खाकर ब्लड शुगर को नॉर्मल रखना चाहते हैं तो पका हुआ नहीं बल्कि कच्चा केला खाएं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कच्चा केला कैसे डायबिटीज को कंट्रोल करता है।

केला और डायबिटीज कनेक्शन

Medical News Today के अनुसार डायबिटिक व्यक्ति संतुलित मात्रा में केला खा सकता हैं। वहीं, American Diabetes Association (ADA) भी फलों को डाइट का हिस्सा मानता है, जिसमें केला भी शामिल है। ADA के मुताबिक डायबिटीज मरीज केले का सेवन सीमित मात्रा में करें तो केला खाकर भी शुगर को नॉर्मल कर सकते हैं। आमतौर पर, 100 ग्राम केले में लगभग 23 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) और ग्लाइसेमिक लोड (GL) दोनों ही मध्यम या कम माने जाते हैं, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर को बहुत तेज़ी से नहीं बढ़ाता।

केला कैसे डायबिटीज मरीजों को फायदा पहुंचाता है?

केला में घुलनशील फाइबर मौजूद होता है जो पेट में जेल जैसा तत्व बनाता है जो शुगर के अवशोषण को धीमा करता है। केले में मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर स्थिर रहता है। केले में मौजूद विटामिन और मिनरल्स शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं।

डायबिटीज में कच्चा केला खाएं या पका हुआ

डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए केला पूरी तरह से मना नहीं है, लेकिन सवाल उठता है कच्चा केला खाएं या पका हुआ? एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज मरीज कच्चा केला खाएं। कच्चा केला पके हुए केले की तुलना में ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है। कच्चे केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। कच्चे केले में resistant starch ज्यादा होता है, जो धीरे पचता है और ब्लड शुगर को नॉर्मल रखता है। इस केले में मौजूद फाइबर पाचन को धीमा करता है और इंसुलिन रिस्पॉन्स को बेहतर बनाता है। आपके बता दें कि पके हुए केला में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है जो तेजी से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ सकता है।

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