शरीर को हेल्दी और फिट रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। मानसून के मौसम भले ही गर्मी से राहत मिल जाए, लेकिन सेहत पर बीमारियों का खतरा मंडराता रहता है। रिसर्च के मुताबिक, अब बारिश में गीली मिट्टी हमारे शरीर में प्रवेश कर रही है और बीमारियों का कारण बन रही है। इसके पीछे की वजह है रोग प्रतिरोधक क्षमता में बदलाव, प्रदूषण का बढ़ता स्तर और खाने-पीने के जरिए शरीर में पहुंचने वाले हानिकारक बैक्टीरिया। इसके चलते ही बारिश के दौरान सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी, डायरिया और त्वचा संबंधी कई समस्याएं आसानी से हो जाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, इंसान के शरीर में तीन वात, पित्त और कफ मूलभूत ऊर्जा या तत्व होते हैं। इन्हें त्रिदोष कहा जाता है। जब ये तीनों संतुलन में होते हैं, तो शरीर स्वस्थ रहता है, लेकिन जैसे ही इनका संतुलन बिगड़ता है, शरीर में बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। बाबा रामदेव के अनुसार, इन दोषों को काबू में रखना ही आयुर्वेदिक जीवनशैली का आधार है। योग, प्राणायाम, खानपान और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है।
स्वामी रामदेव के अनुसार, कफ दोष में 28 रोग, पित्त रोग में 40 रोग और वात दोष में 80 प्रकार के रोग होते हैं। कफ की समस्या छाती के ऊपरी हिस्से में होती है। वहीं, पित्त की समस्या छाती के नीचे और कमर में होती है। इसके अलावा वात की समस्या कमर के निचले हिस्से और हाथों में होती है। इस त्रिदोष की समस्या को योग आसन, प्राणायाम और घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है।
वात दोष क्या है?
स्वामी रामदेव के अनुसार, वात दोष वायु तत्व से संबंधित होता है और यह शरीर की गति, तंत्रिकाओं और उत्सर्जन प्रणाली को कंट्रोल करता है। जब वात बढ़ता है, तो यह गैस, जोड़ दर्द, कब्ज, अनिद्रा, चिंता और नसों की कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा करता है।
वात दोष कैसे कंट्रोल करें
रोज सुबह गुनगुना पानी और त्रिफला चूर्ण का सेवन करें, सूर्य नमस्कार, वज्रासन और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। इसके अलावा तिल का तेल, घी, और गर्म सूप का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है।
पित्त दोष क्या है?
पित्त दोष अग्नि तत्व से जुड़ा है और यह शरीर के पाचन, भूख, पसीना, गुस्सा और हार्मोन को कंट्रोल करता है। पित्त के असंतुलन से एसिडिटी, अल्सर, स्किन एलर्जी, गुस्सा, झल्लाहट और बाल झड़ना जैसी समस्याएं होती हैं।
पित्त दोष को कंट्रोल कैसे करें
पित्त दोष कंट्रोल करने के लिए सुबह खाली पेट आंवला रस, एलोवेरा जूस या नींबू पानी पिएं। मिर्च-मसाले, तली चीजों और ज्यादा नमक से बचें शीतली और शीतकारी प्राणायाम करें। इसके अलावा खीरा, लौकी, धनिया, नारियल पानी जैसी ठंडी चीजें खाएं।
कफ दोष क्या है?
कफ दोष जल तत्व से संबंधित होता है और यह शरीर की संरचना, चिकनाई, प्रतिरक्षा और स्थिरता को कंट्रोल करता है। कफ का असंतुलन मोटापा, बलगम, सर्दी-जुकाम, सुस्ती और थकावट जैसी समस्याएं पैदा करता है।
कफ दोष को कैसे कंट्रोल करें
कफ दोष को कंट्रोल करने के लिए सुबह उठकर गुनगुने पानी में शहद और अदरक मिलाकर पिएं। इसके अलावा कपालभाति, भस्त्रिका और अग्निसार क्रिया रोज करें।