डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसके दो टाइप हैं। टाइप 1 डायबिटीज अनुवांशिक होती है और टाइप 2 जिसके पीछे हेल्थ एक्सपर्ट्स खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान को अहम कारण बताते हैं। टाइप 1 डायबिटीज की चपेट में आने पर पेंक्रियाज में हार्मोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में पेंक्रियाज में जरूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या हार्मोन ठीक से काम नहीं करता है। इन दोनों ही स्थिति में बॉडी सेल्स खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाती हैं, जिससे बल्ड में शुगर की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है और ये बढ़ा हुआ शुगर लेवल धीरे-धीरे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने लगता है।
हालांकि, एक राहत की बात यह है कि कुछ खास चीजों का सेवन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर डायबिटीज की स्थिति पर काबू पाने में मददगार हो सकता है। इस लेख में हम आपको मधुमेह की स्थिति पर असरदार एक ऐसे ही आयुर्वेदिक जूस के बारे में बता रहे हैं।
कैसे करें तैयार
- इसके लिए एक करेले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- इसके बाद विजयसार की छाल को मिक्सर की मदद से बारीक पीस लें। आप चाहें तो विजयसार के चूर्ण का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- अब, करेले के टुकड़ों और विजयसार के चूर्ण के साथ 3-4 गुड़मार के पत्तों को मिक्सर में डालकर बारीक पीस लें।
- इसके बाद तैयार पेस्ट में जरूरत के हिसाब से पानी मिलाएं। इस तरह आपका आयुर्वेदिक जूस बनकर तैयार हो जाएगा, इसे नियमित तौर पर खाली पेट पीने से हाई बल्ड शुगर को नियंत्रण में किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद?
करेला
सबसे पहले बात करेले की करें, तो कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि करेले में कुछ ऐसे खास तत्व पाए जातें हैं जो इंसुलिन की तरह काम करते हैं। ये सेल्स को ग्लूकोज का इस्तेमाल करने में मदद करते हैं, जिससे खून में इसकी मात्रा अधिक बढ़ती नहीं है। इस तरह ये मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा करेला विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत होता है, जो भी मधुमेह से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करने में मददगार माना जाता है।
विजयसार
आयुर्वेद के मुताबिक, विजयसार का सेवन अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादन स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें टेरोसुपिन, टेरोस्टिलबेन, मार्सुपिन और एपिकेटचिन जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं, जो भी ब्लड ग्लूकोज को कम करने में असरदार माने जाते हैं।
गुड़मार
इन सब के अलावा हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गुड़मार में भी एक ऐसा पदार्थ मौजूद होता है, जो आंतों के रास्ते से चीनी के अवशोषण को कम करने और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। साथ ही इन पत्तों में मौजूद रेजिन, एल्ब्यूमिन, क्लोरोफिल, टार्टरिक एसिड, फार्मिक एसिड, ब्यूटिरिक एसिड जैसे तत्व मीठे की क्रेविंग को कम कर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।