वजन घटाने की जब भी बात आती है तो हमारे ज़हन में जो तस्वीर बनती है वो है जिम में तगड़ी मेहनत करना, खाने पीने पर कंट्रोल करना। हम सभी का मानना है कि घंटों जिम में वर्कआउट करके पसीना बहाकर जितनी तेजी से कैलोरी को बर्न किया जा सकता है उतना कोई भी उपाय असरदार साबित नहीं हो सकता। लेकिन योग गुरु और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट बाबा रामदेव ने एक दिलचस्प बात कही हैं। एक्सपर्ट ने बताया आपकी सांसें भी वजन घटाने में मदद कर सकती हैं। प्राणायाम, यानी नियंत्रित रूप से सांस लेने की कला है जो वजन घटाने के लिए किसी जादुई उपाय से कम नहीं है। यह केवल सांस लेने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि सांसों का ऐसा स्मार्ट इस्तेमाल है, जिससे शरीर की कार्यक्षमता बढ़ाई जा सकती है।
वज़न घटाने की प्रक्रिया में हर छोटी चीज़ मायने रखती है और उसमें आपकी सांसें भी शामिल हैं। यौगिक ब्रीदिंग यानी प्राणायाम बॉडी में जमा फैट से छुटकारा पाने का एक बेहतरीन तरीका है। प्राणायाम योग का एक शक्तिशाली हिस्सा है जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाता है। प्राणायाम के ज़रिए हम अपनी सांसों को नियंत्रित करके शरीर में ऑक्सीजन का संचार करते हैं जो शरीर, मन और आत्मा तीनों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) के मुताबिक प्राणायाम और योगासन वजन घटाने के सबसे प्रभावशाली तरीकों में से एक हैं। यह नेचुरल तरीके से वजन घटाने, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। आइए जानते हैं कि वजन घटाने के लिए कौन-कौन से तीन प्राणायाम असरदार साबित होते हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करें
वजन घटाना चाहते हैं तो आप अनुलोम विलोम प्राणायाम करें। ये एक ऐसी सांस की तकनीक है जिसमें बारी-बारी से एक-एक नाक से सांस लेना और दूसरी से छोड़ना शामिल होता है। इसे करने के लिए रीढ़ सीधी रखें और कंधे रिलैक्स हों। दाएं अंगूठे से दाहिनी नासिका बंद करें और बाईं नासिका से गहरी सांस लें। अब दाएं हाथ की रिंग फिंगर से बाईं नासिका बंद करें, दाहिनी नासिका खोलें और सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 10-15 मिनट तक दोहराएं। शुरुआत में 5 मिनट से करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। ये प्राणायाम मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और बॉडी को डिटॉक्स करता है। ये तनाव कम करता है और फैट बर्न करने की प्रक्रिया को तेज करता है।
कपालभाति प्राणायाम करें
कपालभाति प्राणायाम में नाक से तेज और झटकेदार गति से सांस बाहर निकाली जाती है, जबकि सांस अंदर लेना स्वाभाविक और सहज होता है। यह प्राचीन यौगिक प्राणायाम है जो रक्त संचार और तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करने में मदद करता है। इस योगासन को करने से बॉडी डिटॉक्स होती है,मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है,एनर्जी बूस्ट होती है और पेट की चर्बी घटाना आसान होता है। इस योगासन को करने से पाचन दुरुस्त रहता है। जिन लोगों को पेट की गैस और एसिडिटी की परेशानी होती है वो इसे करें तो फायदा होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ(NIH) की रिसर्च के मुताबिक कपालभाति को वजन घटाने के लिए सबसे प्रभावशाली श्वसन अभ्यास माना जाता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से शरीर का फैट बर्न तेजी से होता है।
अग्निसार प्राणायाम
वजन कंट्रोल करने के लिए अग्निसार प्राणायाम प्रभावी तरीका है। ये प्राणायाम पाचन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और फैट बर्न करने की प्रक्रिया को तेज करता है। इस प्राणायाम को करने से पेट की चर्बी असरदार तरीके से कंट्रोल होती है। ये बॉडी को डिटॉक्स करता है और कई बीमारियों का उपचार करता है। थाइरॉइड व हार्मोन संतुलन में ये प्राणायाम असरदार साबित होता है।
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